NCTE का फैसला: बंद होंगे 1000 अध्यापक शिक्षण संस्थान

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) ने 1000 अध्यापक शिक्षण संस्थानों (TEIs) को बंद करने का फैसला लिया है। ये संस्थान अपने एफिडेविड जमा कराने में नाकाम रहे जिसके कारण इन्हें बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा 3000 अन्य टीईआई, संदिग्ध ऑपरेशन्स के शक में एनसीटीई की जांच के दायरे में हैं। ये टीईआई अपने कोर्सिस को लेकर भी जांच के दायरे में हैं। एफिडेविड नहीं जमा कराने की वजह से इन 1000 टीईआई को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि तीन हजार शिक्षण संस्थान, जो बैचलर्स इन एजुकेशन (B.Ed) और डिप्लोमा इन एजुकेशन (D.Ed) कोर्सिस की पढ़ाई कराते हैं उन्हें भी बंद करने का नोटिस, मार्च 2018 तक मिल जाएगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें लगभग 16,000 टीईआई जिन्होंने एनसीटीई में अपना रजिस्ट्रेश करा रखा था, उन्हें अपने ऑपरेशन्स की तारीख के संबद्ध में एफिडेविड जमा कराने थे। 31 दिसंबर, 2017 तक सिर्फ 7000 ने ही एफिडेविड जमा कराए थे। बाद में एनसीटीई ने आखिरी तारीख को बढ़ाकर 31 जुलाई 2017 कर दिया था लेकिन इसके बाद भी कई संस्थानों ने एफिडेविड नहीं दिए थे। जांच में 4000 संस्थानों द्वारा किए गए दावों की जांच की गई थी। संस्थानों द्वारा किए गए दावे सही नहीं पाए गए जिसके बाद ही 1000 संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया है। शेष 3000 संस्थानों को भी मार्च 2018 तक नोटिस दिया जाएगा। खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि यह काम संस्थानों के कार्यशैली में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया था।

गौरतलब है कई टीईआई द्वारा काले धन को सफेद करने की रिपोर्ट्स सामने आई थी। ऐसे में एनसीटीई ने इनकी जांच करने का फैसला। टीईआई को गैर-मुनाफा श्रेणी में आते हैं। ऐसे में जांच हुई और अब 1000 संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। बता दें नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की स्थापना 1973 में हुई थी। यह एक एडवाइजरी बॉडी है जिसका काम केंद्र और राज्य सरकारों को अध्यापक शिक्षा संबद्ध में सलाह देने का है। देशभर के टीईआई के रेग्युलेशन का काम भी एनसीटीई देखता है।

 

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