NDA का संकट गहराया, TDP के बाद अब बिहार में जेडीयू ने फिर उठाई ‘स्‍पेशल स्‍टेटस’ की मांग

आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बीजेपी और टीडीपी में ठन गई है। टीडीपी ने इस मसले को लेकर एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया है। वहीं, बीजेपी के भी दो मंत्रियों ने आंध्र प्रदेश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी के कमनेनी श्रीनिवास और पी.मणिक्याला राव ने गुरुवार (8 मार्च) को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू को इस्तीफा सौंप दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कमिनेनी श्रीनिवास और एन्डोमेंट मंत्री और पी.मणिक्याला राव ने विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष में उनसे मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। विशेष राज्य को लेकर शुरू हुई इस सियासी जंग की आहट अब बिहार में भी सुनाई पड़ रही है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को दोहराया है। पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा ने इस मांग को उठाया है। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पवन वर्मा ने कहा है कि आखिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल रहा है। पवन वर्मा ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा केन्द्र सरकार क्यों नहीं दे रही है, जबकि नीतीश कुमार बहुत पहले से इस मांग को उठा रहे हैं।

बता दें कि नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने पिछला चुनाव भी इसी एजेंडे पर लड़ा था। हालांकि, जब नीतीश कुमार एनडीए के पाले में आ गए और बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में हैं तो ये मांग धीमी पड़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पवन वर्मा की इस मांग का ज्यादा महत्व नहीं है, क्योंकि पवन वर्मा फिलहाल नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व से बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं। नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी के साथ दोस्ती गांठने के बाद पवन वर्मा के रुख में बदलाव आया है। बिहार से आ रही खबरों के मुताबिक, जनता दल यूनाइटेड पवन वर्मा को राज्य सभा में दोबारा नहीं भेजने वाली है। इसलिए उनके द्वारा बिहार के लिए उठाई गई स्पेशल स्टेट्स की मांग को जेडीयू का आधिकारिक पक्ष नहीं माना जा सकता है। हालांकि, इतना जरूर है कि पवन वर्मा ने इस मांग को उठाकर आरजेडी समेत बिहार की कई स्थानीय पार्टियों को नीतीश कुमार पर हमले का मौका दे दिया है।

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