NEET-UG Exam: डिजिटल ताला, लोहे के बक्से और जीपीएस ट्रैकिंग, एनटीए ने बताया कैसे कराई नीट यूजी की परीक्षा,

नीट यूजी 2024 से जुड़ा विवाद इन दिनों काफी चर्चा में है। राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कई गड़बड़ियां सामने आईं जिसकी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है। वहीं परीक्षा में गड़बड़ी का मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक भी पहुंच चुका है। अदालत लगातार इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस बीच, नीट यूजी आयोजित कराने वाली संस्था- राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया है।

प्रश्न बैंक कैसे तैयार होता है? 
प्रश्न बैंक की तैयारी के बारे में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कई जाने-माने विषय विशेषज्ञों या पेपर सेट करने वाले लोगों को एनटीए कार्यालय में एक प्रतिबंधित क्षेत्र में बुलाया गया था। इस प्रतिबंधित क्षेत्र में विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला मोड में प्रश्न बनाए। अगस्त से दिसंबर 2023 के बीच कई अवसरों पर ये कार्यशालाएं आयोजित की गईं जिसमें कुल 140 विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया।

एनटीए ने बताया कि इन विशेषज्ञों द्वारा किए काम को भी हर दिन के अंत में सील कर दिया गया था और अगले दिन उन्हें वापस कर दिया गया था ताकि वे अपना काम जारी रख सकें।

प्रश्न पत्र कैसे तैयार हुआ? 
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने अदालत को बताया कि प्रश्न बैंक बनने के बाद 10 विषय विशेषज्ञों की एक समिति ने 16 से 28 फरवरी 2024 के बीच प्रश्नों को प्रश्न पत्र में सेट किया। विषय विशेषज्ञों या मॉडरेटर को सीसीटीवी निगरानी में एक कमरे में बैठाया गया। हर परीक्षा के लिए कम से कम दो प्रश्न पत्र बनाए जाते हैं। हर विषय के प्रश्न पत्र के लिए विषय विशेषज्ञ अलग-अलग होते हैं। इस तरह से नीट यूजी 2024 में सेट QP1 और सेट QP2 के रूप में प्रश्न पत्रों के दो सेट तैयार किए गए। 

प्रश्न पत्रों की जांच और मुद्दों का समाधान कैसे हुआ?
एनटीए के मुतबिक, प्रश्न पत्रों के प्रारूप बनाने या तैयार होने के बाद उन प्रश्न पत्रों को अन्य नौ विषय विशेषज्ञों की एक टीम ने हल किया, जिन्होंने अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव दिए। हर दिन के अंत में विशेषज्ञ अपना काम एक लिफाफे में सील कर देते और अगली सुबह उन्हें वापस कर दिया जाता रहा। यह कवायद 1 से 7 मार्च 2024 के बीच की गई थी। बाद में प्रतिक्रिया या सुझाव विषय विशेषज्ञों और संचालकों के सामने रखे गए, जिन्होंने प्रश्न पत्रों का प्रारूप बनाया और इस तरह से प्रश्न पत्रों के सेट में बदलाव किए गए।

प्रश्न पत्र कहां और कैसे टाइप हुए? 
प्रश्न पत्रों को उत्तर कुंजी से अलग करके टाइपिंग के लिए गोपनीय एजेंसी/प्रिंटर को भेजा गया। एजेंसी ने बताया कि इस बारे में एक रजिस्टर में लॉग भी बनाए रखा गया है।

प्रश्न पत्रों का अनुवाद कैसे हुआ? 
प्रश्न पत्रों की तैयारी और टाइपिंग के बाद 101 अनुवादकों की एक टीम ने प्रश्न पत्रों का 12 भाषाओं में अनुवाद किया। यह प्रक्रिया 8 से 31 मार्च 2024 के बीच की गई। प्रत्येक दिन के अंत में एक सीलबंद लिफाफे में गोपनीय कार्य किया गया। एनटीए का कहना है कि यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि विशेषज्ञों द्वारा किया गया पूरा काम एनटीए के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी गोपनीय रखा जाए।

प्रश्न पत्रों की छपाई कब और कैसे हुई? 
प्रश्न पत्रों के दो सेटों की हाथ से लिखी हुई कापियां 31 मार्च 2024 को दो अलग-अलग गोपनीय प्रिंटिंग प्रेस को भेजी गईं। परीक्षा एजेंसी का कहना है कि हर प्रिंटिंग प्रेस 24 प्रश्न पत्रों के सेट तैयार करता है, जिसमें विषयों के भीतर प्रश्नों के क्रम में अलग-अलग होता है।

प्रिंटिंग प्रेस के नाम गोपनीय रखे जाते हैं और केवल दो अधिकारी ही इस प्रक्रिया में शामिल थे। इस बीच ओएमआर शीट कहीं और छापी गईं और प्रेस ए और प्रेस बी द्वारा उठाई गईं। हर ओएमआर शीट पर बार कोड के साथ एक यूनिक नंबर होता है। इसके अलावा यूनिक NOTAR नाम की सुरक्षा विशेषताएं भी हैं। संबंधित प्रश्न पत्र को उसी सीरियल के साथ छापा गया था। एनटीए के अनुसार, यह प्रक्रिया एक कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल में की जाती है जिसमें सीसीटीवी की निगरानी सहित प्रिंटिंग प्रेस में गहन जांच शामिल है। 

प्रश्न पत्रों की सील बंद ओएमआर शीट और संबंधित प्रश्न पत्र (दोनों एक ही सीरियल नंबर वाले) को एक पॉलीथीन कवर में विधिवत सील करके एक साथ रखा गया था। यह सील ऐसा था जिसको केवल अभ्यर्थी द्वारा ही खोला जाना था। कपड़े से बने लिफाफे के अंदर 24 ऐसी टेस्ट बुकलेट का एक बंडल रखा गया। तीन ऐसे कपड़े से बने लिफाफे कुल 72 बुकलेट सुरक्षित सीलिंग के साथ कपड़े से बने लिफाफे के अंदर रखे गए।

कपड़े से बने लिफाफों को बांधने के बाद सामग्री को गैर-बुने हुए कपड़े के बैग में पैक किया जाता है और सील कर दिया जाता है। इसके बाद हर परीक्षा केंद्र की जरूरत के मुताबिक गैर-बुने हुए कपड़े के बैग को खास तरीके से बनाए गए लोहे की पेटियों में पैक किया जाता है। प्रत्येक पेटी में जीपीएस से युक्त एक इलेक्ट्रॉनिक लॉक और एक बिना चाबी वाला मैकेनिकल लॉक होता है क्योंकि इसे तोड़ा जाना होता है। लोहे की पेटियों को सभी जोड़ों पर स्टिकर के साथ सील किया जाता है और एक सुरक्षित गम टेप में लपेटा जाता है। 

एनटीए के अनुसार, डिजिटल लॉक के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को तुरंत सभी जानकारियों के साथ रियल टाइम पर नोट किया जाता है। प्रिटिंग प्रेस में सीसीटीवी कैमरों के जरिए सीलिंग प्रक्रिया को कैद किया गया। सीलबंद पेटियों को देशभर में फैले परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए एक विश्वसनीय लॉजिस्टिक्स कंपनी को सौंप दिया गया। इस तरह से प्रश्न पत्रों को देशभर में परीक्षा केंद्रों की दूरी के आधार पर भेजा गया। 

झारखंड के हजारीबाग के लिए सीलबंद पेटियों को 28 अप्रैल को भेजा गया। अधिकृत कंपनी ने पेटियों को एक अलग बंद वाहन पर लोड किया और एक बार की सील के साथ दरवाजे पर एक इलेक्ट्रॉनिक लॉक लगाया गया। इस वाहन की आवाजाही को लॉजिस्टिक्स कंपनी ने ट्रैक किया था। ट्रक में रियल टाइम की जानकारी देने वाले जीपीएस ट्रैकर के साथ डिजिटल लॉक भी है। सीलबंद लोहे की पेटियों को 3 मई को झारखंड के हजारीबाग स्थित एसबीआई बैंक (कस्टोडियन) को सौंप दिया गया। एसबीआई ने पेटियों को सुरक्षित तिजोरी में रखा जिस पर इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। बैंक ने पेटियां लीं और लॉजिस्टिक कंपनी को एक पावती दी। 

प्रश्न पत्रों का संग्रह कैसे हुआ?
अधिकृत अधिकारी ने 5 मई की सुबह लगभग 05:00 बजे नीट यूजी 2024 परीक्षा के सिटी कोऑर्डिनेटर को एसबीआई से गोपनीय सामग्री लेने के लिए जानकारी दी। यह सूचना एनटीए के आवेदन के जरिए परीक्षा पदाधिकारियों को प्रसारित की गई। हजारीबाग के केंद्र अधीक्षक ने 5 मई को सुबह 7.30 बजे के बाद एसबीआई से सीलबंद लोहे की पेटियां लीं।

एनटीए ने बताया कि दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र अधीक्षक और एनटीए पर्यवेक्षक पेटियों की संख्या और ताले की स्थिति और सील की पुष्टि करते हैं और इसका दस्तावेजीकरण करते हैं। एजेंसी के अनुसार, सीलबंद पेटियों को बिना किसी रोक-टोक के सीधे परीक्षा केंद्र में ले जाया जाना था

प्रश्न पत्र बांटने के लिए लोहे के बक्सों को कैसे खोला गया?
प्रश्न पत्रों के पेटियों को एक गोपनीय कमरे में रखा जाता है जो सीसीटीवी निगरानी में रहती हैं। निर्देशों के अनुसार, सीलबंद लोहे के बक्सों को परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पहले दोपहर 1.15 बजे खोला जाना था। एनटीए के अनुसार, पेटियों खोलने की प्रक्रिया को दो निरीक्षकों और दो अभ्यर्थियों को देखना आवश्यक है। आवश्यकतानुसार, ये चारों लोग निर्धारित प्रपत्र पर हस्ताक्षर करके इस प्रक्रिया को प्रमाणित करते हैं।

प्रत्येक निरीक्षक को 24 पुस्तिकाओं वाला एक लिफाफा मिलता है। इसे परीक्षा कक्ष में परीक्षा से 10 मिनट पहले अभ्यर्थियों की मौजूदगी में ही खोला जाना था। पुस्तिकाओं को एक क्रम में बैठक व्यवस्था के अनुसार बांटा जाना था। नियमों के अनुसार, अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र की सील दोपहर 1.55 बजे खोलनी थी।

कितने शहरों में आयोजित की गई परीक्षा?
एनटीए के हलफनामे के अनुसार, नीट यूजी 2024 का आयोजन देशभर के 571 शहरों में स्थित 4750 केंद्रों पर किया गया। इसमें भारत के बाहर के 14 शहर भी शामिल हैं जहां 5 मई (रविवार) को दोपहर 02:00 बजे से शाम 05:20 बजे (IST) तक आयोजित की गई थी। दिशानिर्देशों के अनुसार, अनुपस्थित अभ्यर्थियों की बिना इस्तेमाल प्रश्न पुस्तिकाओं को परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद वापस कर दिया जाना था और गोपनीय कक्ष में रखा जाना था।