ट्रेन दुर्घटनाओं को लेकर अधिकारियों पर बरसे नए रेल मंत्री पीयूष गोयल

आए दिन हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं के मद्देनजर नवनियुक्त रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को रेल अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जम कर खरी-खोटी सुनाई। इस उच्चस्तरीय बैठक में गोयल ने असंसदीय भाषा तक का इस्तेमाल कर डाला, जिससे अधिकारियों में नाराजगी है। यात्री सुरक्षा की समीक्षा के लिए बुलाई गई इस आपात बैठक में उन्होंने पुराने डिजाइन के सभी कोच हटा कर एलएचबी कोच लगाने व पटरियों की मरम्मत क ो प्राथमिकता देने सहित कई निर्देश दिए।

एक के बाद एक लगातार हो रहे ट्रेन हादसों के कारण रेल मंत्री सुरेश प्रभु को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था और अब रेल मंत्रालय की कमान पीयूष गोयल के हाथ में आ चुकी है। इसके बावजूद हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड के अध्यक्ष सहित तमाम आला अधिकारियों क ी मौजूदगी में मंत्री ने साफ कहा कि अब कोई भी हादसा होता है तो उसके लिए सीधे अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।बैठक में गोयल ने कहा कि सभी दुर्घटनाओं की तह तक जाया जाए और इसके मूल कारणों का पता लगाया जाए। मंत्री ने कहा कि नई रेल पटरियां बिछाने के बजाय पुरानी व टूटी-फूटी पटरियों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही तय किया गया कि सभी आइसीएफ कोच (पुराने डिजाइन वाले कोच) को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए और उनकी जगह नए एलएचबी कोच लगाए जाएं। गौरतलब है कि पुराने डिजाइन के कोच दुर्घटना होने पर एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं, जिससे जान-माल का ज्यादा नुकसान होता है, जबकि आधुनिक कोच अपेक्षाकृत रूप से सुरक्षित होते हैं।

गोयल ने अगले एक साल के भीतर सभी मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेलकर्मियों की तैनाती किए जाने का भी आदेश दिया। साथ ही दुर्घटनाओं के संभावित कारणों का पता लगा कर उनको दुरुस्त करने को भी कहा। उन्होंने कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रेनों के इंजन में एंटी फॉग एलईडी लागने का निर्देश भी दिया।

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