कचरे के डब्बे में मिला नवजात बच्ची का शव, पिता बोला- मरी पैदा हुई इसलिए फेंक दिया

देश की राजधानी दिल्ली में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। नवजात का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करने के बजाय उसे कचरे के डब्बे में फेंक दिया गया। यह मामला सफदरजंग हॉस्पिटल का है। शव सोमवार (29 जनवरी) को बरामद किया गया। छानबीन करने पर नवजात बच्ची के पिता ने पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी। उसने बताया कि उसकी पत्नी ने मरी हुई बच्ची को जन्म दिया था, जिसके बाद उसने नवजात के शव को कचरे के डब्बे में फेंक दिया। नवजात के पिता के अनुसार, बच्ची का प्रसव समयपूर्व हुआ था। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अजय मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘निश्चित तौर पर यह आमनवीय है।’ शेरी ने लिखा, ‘हे भगवान! मानव जीवन के लिए कोई सम्मान नहीं है। क्या हमलोग असंवेदनशील होकर इस स्तर तक पहुंच चुके हैं? नवजात के शव को कचरे के डब्बे में फेंक दिया गया? जानवर भी इससे ज्यादा सम्मान दिखाता है।’ राजन सिंह ने ट्वीट किया, ‘डूम्स डे क्लॉक के आगे बढ़ने पर कोई आश्चर्य नहीं…ईश्वर ऐसे इंसानों को क्यों बचाएं?’
भारत उच्च शिशु मृत्यु दर (प्रति एक हजार शिशुओं में मरने वालों की संख्या) वाले देशों की श्रेणी में आता है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के साथ ही स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। इसके बावजूद हर साल बड़ी तादाद में नवजात की मौत होती है। पिछले साल ‘लांसेट’ में एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें वर्ष 2000-2015 के बीच भारत द्वारा इस क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने की बात सामने आई थी। इस अध्ययन के अनुसार 2005 के बाद से हालात में अपेक्षाकृत तेजी से सुधार हुए थे। तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र की स्थिति में सबसे ज्यादा सुधार हुआ था। नवजात मृत्यु दर में सालाना 3.4 फीसद की कमी आई थी। हालांकि, समयपूर्व प्रसव के कारण होने वाली मौतों में वृद्धि दर्ज की गई थी। यह दर 12.3 (वर्ष 2000) से बढ़कर 14.3 फीसद (2015) तक पहुंच गई थी। इसके लिए मुख्य तौर पर नवजात का वजन अत्यधिक कम होना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की लचर स्थिति को जिम्मेदार ठहराया गया था। मालूम हो कि शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए केंद्र के साथ ही राज्य स्तर पर भी कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं।