भारत में चीनी और पाकिस्‍तानी नागरिकों की साढ़े नौ हजार संपत्तियां, मोदी सरकार नहीं देगी जानकारी

देश में चीन और पाकिस्तानी नागरिकों की कुल शत्रु सम्पत्ति की संख्या 9429 है जिसका अनुमानित मूल्य 1,04,339 करोड़ रूपये है हालांकि सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत शत्रु सम्पत्ति की जानकारी देने से मना किया है। गृह मंत्रालय के भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने देशभर में शत्रु सम्पत्ति के कुल रकबे और शत्रु सम्पत्ति से संबंधित अवैध कब्जे को लेकर अदालत में चल रहे वाद का राज्यवार ब्यौरा यह कह कर नहीं प्रदान किया कि उक्त जानकारी प्रदान करने से उसे सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 :1: की धारा डी, जी, और एच के तहत छूट प्राप्त है। सूचना के अधिकार के तहत भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने बताया कि शत्रु सम्पत्ति से पिछले पांच वर्षो में हुई आय का राज्यवार आंकड़ा उसके पास उपलब्ध नहीं है।

बहरहाल, लोकसभा में आठ मार्च 2016 को वेंकटेश बाबू के प्रश्न के उत्तर में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया था कि देश में चीन और पाकिस्तानी नागरिकों की कुल शत्रु सम्पत्ति की संख्या 9429 है जिसमें से चीन के नागरिकों की शत्रु सम्पत्ति 149 और पाकिस्तान नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 9280 है । चीनी नागरिकों एवं कंपनियों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति का की कीमत का अभी मूल्यांकन नहीं किया गया है जबकि पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति का अनुमानित मूल्य 1,04,339 करोड़ रूपये है।

रिजिजू ने बताया था कि द कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रोपर्टी आफ इंडिया को शत्रु सम्पत्ति से 2012-13 में 18.51 करोड़ रूपये, 2013..14 में 24.18 करोड़ रूपये, 2014-15 में 28.28 करोड़ रूपये और 2015-16 में दिसंबर 2015 तक 21.28 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें शेयर, स्टाक, निवेश से आय भी शामिल हैं। आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग ने प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय से पूछा था कि देशभर में शत्रु सम्पत्ति का कुल रकवा और चिन्हित शत्रु सम्पत्ति का राज्यवार ब्यौरा क्या है। शत्रु सम्पत्ति के संबंधित अवैध कब्जे को लेकर अदालत में चल रहे वाद और शत्रु सम्पत्ति कब्जाधारकों की सूची प्रदान करें। शत्रु सम्पत्ति से पिछले पांच वर्षो में हुई आय का ब्यौरा भी मांगा गया था।

लोकसभा में प्रस्तुत गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक 4991 शत्रु सम्पत्ति उत्तरप्रदेश में है जो पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी है जिसका अनुमानित मूल्य 82,441 करोड़ रूपये है। पश्चिम बंगाल में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 2735 और चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 59 है जिसका अनुमानित मूल्य 878 करोड़ रूपये है। आंध्र प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 159 है जिसका अनुमानित मूल्य 11,641 करोड़ रूपये है। केरल में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 60 है जिसका अनुमानित मूल्य 1,375 करोड़ रूपये है जबकि मध्य प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों की शत्रु सम्पत्ति की संख्या 88 और चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या एक है और इनका अनुमानित मूल्य 1,796 करोड़ रूपये है। तमिलनाडु में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 34 और चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 2 है और इनका अनुमानित मूल्य 1,773 करोड़ रूपये है।

लोकसभा में पेश गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 146 है जिसका अनुमानित मूल्य 844 करोड़ रूपये है। दिल्ली में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 487 और चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 2 है जिनका अनुमानित मूल्य 816 करोड़ रूपये है। हरियाणा में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 9 है जिसका अनुमानित मूल्य 791 करोड़ रूपये है। महाराष्ट्र में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 48 है जिसका अनुमानित मूल्य 571 करोड़ रूपये है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तरांचल में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 50 है जिसका अनुमानित मूल्य 927 करोड़ रूपये है।

गोवा में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 263 है जिसका अनुमानित मूल्य 100 करोड़ रूपया है। कर्नाटक में पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 20 और चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 1 है जिनका अनुमानित मूल्य 151 करोड़ रूपये है। असम में सबसे अधिक 64 चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति है जबकि मेघालय में 19 चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति है। पश्चिम बंगाल में चीनी नागरिकों से जुड़ी शत्रु सम्पत्ति की संख्या 59 है।

उल्लेखनीय है कि संसद ने इसी वर्ष मार्च में शत्रु संपत्ति कानून संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी थी जिसमें युद्ध के बाद पाकिस्तान एवं चीन पलायन कर गए लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति पर उत्तराधिकार के दावों को रोकने के प्रावधान किए गए हैं। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, शत्रु संपत्ति के मालिक का कोई उत्तराधिकारी भी यदि भारत लौटता है तो उसका इस संपत्ति पर कोई दावा नहीं होगा। एक बार कस्टोडियन के अधिकार में जाने के बाद शत्रु संपत्ति पर उत्तराधिकारी का कोई अधिकार नहीं होगा।

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