बिहार के बालिका आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार की जाँच सीबीआई को दी जाएगी

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार आैर यौन शोषण मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया है। उन्होंने बिहार के प्रधान सचिव (गृह विभाग) और डीजीपी को यह जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। बता दें कि मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सायंस की टीम की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में रह रही लड़कियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण हो रहा है। मामला उजागर होने के बाद वहां रह रही लड़कियों को तत्काल हटा लिया गया और उनकी मेडिकल जांच की गई। मेडिकल जांच में 29 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि की गई। इसमें एक सात साल की मासूम भी शामिल है। साथ ही एक लड़की ने पुलिस को दिए अपने बयान में यह भी कहा था कि एक लड़की की हत्या कर उसे दफना दिया गया था।

 

मामला उजागर होने के बाद मुख्य आरोपी और एनजीओ (जो आश्रय गृह को संचालित कर रहा था) के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा पर भी इस मामले में संलिप्त होने का आरोप है। समाज कल्याण विभाग के गिरफ्तार अधिकारी की पत्नी ने कहा कि चंदेश्वर वर्मा अक्सर बालिका गृह जाते रहते थे। उनके साथ के लोग नीचे रूक जाते थे और वे अकेले उपर जाते थे।

 

मामला उजागर होने के बाद विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यहां तक कह दिया कि मुख्य आरोपी और सीएम नीतीश कुमार के बीच अच्छे संबंध हैं। जब आरोपी ने चुनाव लड़ा था तो नीतीश कुमार उसके पक्ष में प्रचार करने भी गए थे। विधानमंडल सत्र चालू होने पर भी विपक्षी दल लगातार सदन में हंगामा कर रहे हैं। गुरुवार को तेजस्वी यादव ने एक बार फिर काव्य शैली में नीतीश कुमार के उपर हमला करते हुए कहा कि राज्य की मां-बेटियां अपने उपर हो रहे अत्याचार को लेकर गुहार लगा रही हैं। या तो नीतीश कुमार इनकी रक्षा करें या फिर कुर्सी छोड़ें।

 

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