देहरादून के एनआईवीएच के शिक्षक पर छात्राओं द्वारा यौन उत्पीडन के आरोप`के बाद निदेशक ने दिया इस्तीफा


देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) के एक शिक्षक पर छात्राओं द्वारा यौन उत्पीडन के आरोप लगाये जाने के बाद संस्थान की निदेशक अनुराधा डालमिया ने इस्तीफा दे दिया है । उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने जांच के लिए संस्थान का दौरा किया था जिसके बाद निदेशक ने कल शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया । छात्राओं ने आरोप लगाया था कि संगीत शिक्षक उन्हें अनुचित तरीके से स्पर्श करते हैं और उसे गिरफ्तार करने के अलावा उन्होंने मांग की थी कि आरोपी को बचाने का प्रयास करने के लिए निदेशक को हटाया जाए। अपनी मांग को लेकर छात्राओं ने आंदोलन शुरू किया था। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा की मौजूदगी में अनुराधा ने संस्थान के निदेशक पद से इस्तीफा दिया । उषा ने अनुराधा के इस्तीफा देने की पुष्टि की लेकिन कहा कि उन्होंने ऐसा अपनी इच्छा से किया है ।

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार एक सवाल के जवाब में उषा ने कहा, ”हमारी तरफ से उन पर कोई दवाब नहीं था । उन्होंने खुद अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है, क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि जब बच्चों का भरोसा उन पर नहीं रहा तो पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है ।” संस्थान की जांच में निकले निष्कर्षों के बारे में पूछे जाने पर उषा ने यह कहते हुए कुछ बताने से इंकार कर दिया कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी । हांलांकि, उन्होंने यह माना कि निश्चित रूप से कुछ गड़बड़ है ।

उषा ने कहा, ”निश्चित रूप से कुछ कह पाना अभी जल्दबाजी होगी । आरोप संवेदनशील प्रकृति के हैं और अभी जांच चल रही है । हमें उनकी जड तक पहुंचना होगा । मैं अभी सिर्फ इतना कह सकती हूं कि निश्चित रूप से कहीं कुछ गडबड है ।” संस्थान में 10 घंटे बिताने और छात्रों व निदेशक से बात करने के बाद उषा ने कहा कि छात्रों और संस्थान के प्रशासन में संवादहीनता है क्योंकि बच्चों की कई शिकायतें हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिए ।

बाल आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि आयोग ने एक समन्वय समिति के गठन की सिफारिश की है जो संस्थान के प्रशासन और छात्रों के बीच पुल का काम करे । हांलांकि, निदेशक के इस्तीफ से एनआइवीएच के छात्र शांत नहीं हुए हैं और उन्हें बदले जाने तक उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं । वह संगीत शिक्षक को निलंबित किये जाने पर भी संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है ।

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