No Confidence Motion: बहस के लिए बीजेपी को मिले साढ़े तीन घंटे, कांग्रेस को 38 मिनट!
नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर आज (शुक्रवार, 20 जुलाई) लोकसभा में बहस होगी। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) सदन में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगी। इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ने 13 मिनट का समय दिया है। पार्टी की तरफ से सांसद जयदेव गल्ला अपनी बात रखेंगे। वो इस प्रस्ताव पर पहले वक्ता होंगे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपनी बात रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं।
उधर, सत्ताधारी पार्टी सदन में बहुमत वाली बीजेपी को चर्चा के लिए तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है। अन्य विपक्षी दलों अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश: 29 मिनट, 27 मिनट, 15 मिनट और नौ मिनट का समय दिया गया है। बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर चुटकी ली है और ट्वीट किया है, “सदन में भूकंप लाने के लिए राहुल गांधी को 38 मिनट मिले हैं, जबकि प्रस्ताव पेश करने के लिए 13 मिनट।” बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले साल कहा था कि अगर उन्हें सदन में सिर्फ 15 मिनट बोलने दिया गया तो भूकंप आ जाएगा।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी। बीजेपी सदन में जीत को लेकर आश्वस्त है क्योंकि उसके पास पर्याप्त संख्या बल है। इसके अलावा शिव सेना, एआईएडीएमके सरकार के पक्ष में वोट करेगी जबकि बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसे दल वोटिंग से गैर हाजिर रह सकते हैं। मौजूदा समय में लोकसभा में सदस्यों की कुल संख्या 536 है। इसमें दो नामित सदस्य भी शामिल हैं। 9 सीट खाली हैं। यानी स्पीकर को हटा दें तो कुल संख्या 535 हो जाती है। लिहाजा, बहुमत के लिए 268 सदस्य चाहिए। लोकसभा में दलगत स्थिति के मुताबिक बीजेपी के पास कुल 273 (स्पीकर को छोड़कर) हैं। एनडीए के कुल आंकड़ों को देखें तो यह 358 तक जा पहुंचता है। यानी सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है। लिहाजा, अविश्वास प्रस्ताव से निश्चिंत है। बावजूद इसके बीजेपी चाहती है कि कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत से मात दी जाय।