संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों पर भड़का उत्तर कोरिया, कहा- ये आर्थिक नाकेबंदी है
उत्तर कोरिया ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्योंगयांग पर लगाए प्रतिबंधों को गंभीर रूप से उत्तेजक और आर्थिक नाकेबंदी करार दिया है। ‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि नए प्रतिबंध गंभीर रूप से उत्तेजक हैं, जिनका उद्देश्य देश को आत्मरक्षा के अपने वैध अधिकार से वंचित करना और आर्थिक नाकेबंदी कर देश और उसके लोगों को चोट पहुंचाना है। समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ द्वारा प्रकाशित बयान में स्पष्ट रूप से इन प्रतिबंधों को खारिज करते हुए कहा गया कि वह परमाणु हथियार कार्यक्रम के उत्तर कोरिया के संकल्प को मजबूती से आगे बढ़ाएंगे और इस लड़ाई के खत्म न होने तक इसमें कोई नरमी नहीं दिखाएंगे।
बयान में यह भी कहा गया है कि वह देश की सार्वभौमिकता और अस्तित्व के अधिकार की सुरक्षा के लिए अपनी ताकत बढ़ाने का दोगुना प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को जल्द ही सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। इसमें उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए तेल आयात और तेल निर्यात पर पाबंदी भी शामिल है। तीन सितंबर को उत्तर कोरिया द्वारा छठे और सबसे बड़े परमाणु परीक्षण के जवाब में यह कदम उठाया गया है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा था, “आज हम दुनिया को यह बता रहे हैं कि हम कभी भी परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया को स्वीकार नहीं करेंगे। सुरक्षा परिषद का कहना है कि अगर उत्तर कोरिया शासन ने अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं किया, तो हम उसे रोकने के लिए खुद कदम उठाएंगे।” इस प्रस्ताव को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से सोमवार को मंजूरी दे दी थी।
भारतवंशी राजनयिक ने कहा था, ‘हमने कोशिश की कि शासन सही काम करे। अब हम गलत कार्य करते रहने की क्षमता हासिल करने से उसे रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों को ईंधन और धन मुहैया करवाने वाले साधनों को निशाना बना रहा है। प्रस्ताव के तहत गैस, डीजल और भारी ईंधन तेल में 55 फीसद तक कटौती करने से उत्तर कोरिया को मिलने वाले तेल में 30 फीसद तक की कमी आएगी।”