NOTA पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राज्यसभा चुनावों में इसका नहीं होगा इस्तेमाल
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य सभा के चुनावों में नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ प्रत्यक्ष चुनावों में ही किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में ये मामला कांग्रेस लेकर आई थी। कांग्रेस की तरफ से इस मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल कर रहे थे। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने की।
Supreme Court says no NOTA (None of the above) in Rajya Sabha elections, citing that it should be applied in direct polls only pic.twitter.com/i3TSSrlOcp
— ANI (@ANI) August 21, 2018
बता दें कि गुजरात के राज्य सभा चुनाव में विधायकों को नोटा का विकल्प दिया गया था। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने इसे हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल का तर्क था कि अगर नोटा का विकल्प रहेगा तो कई विधायक अपनी पार्टी का निर्देश नहीं मानेंगे। वो अपनी पार्टी के खिलाफ भी वोट कर सकते हैं। ऐसे में नोटा का विकल्प हॉर्स ट्रेडिंग यानी विधायकों की खरीद फरोख्त को जन्म देगा। नोटा का विकल्प भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा।
कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष चुनावों में नोटा को लागू करने की चुनाव आयोग की शक्तियों पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर से सुनवाई करने का फैसला लिया था। कांग्रेस ने इस मुद्दे को राज्य सभा में भी उठाया था। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, ”यह काफी गंभीर मुद्दा है। इसे केवल गुजरात में लागू किया जा रहा है। पहले केवल जम्मू-कश्मीर में दो संविधान थे। लेकिन, अब गुजरात भी उस सूची में शामिल हो गया है, जहां दो-दो संविधान लागू हैं।”