NRC पर अमित शाह- नहीं कटेगा किसी भी भारतीय का नाम, वोटबैंक के लिए विरोधी उठा रहे सवाल
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। अंतिम ड्राफ्ट में किसी भी भारतीय नागरिक का नाम नहीं काटा जाएगा। लेकिन सूची में जिनके नाम नहीं हैं, वे लोग भारतीय नहीं हैं। शाह ने इसके अलावा साफ किया कि उन्हें इस मसले पर संसद में अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला।
मंगलवार (31 जुलाई) को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नागरिकता विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वह बोले, “कांग्रेस के भीतर घुसपैठियों को देश से बाहर करने का साहस नहीं था, लिहाजा वे एनआरसी लागू न कर सके। बीजेपी में इस काम को करने की हिम्मत थी, इसलिए हमने इसे असम में जारी किया। कांग्रेस केवल वोटबैंक के लिए इस मसले पर सवाल खड़े कर रही है।”
शाह के मुताबिक, “किसी के साथ अन्याय नहीं किया गया। विरोधी एनआरसी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। जो लोग इससे (सूची से) हटे हैं, वे भारतीय नहीं हैं।” बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इस मुद्दे पर घेरा। उन्होंने कहा कि ममता चुनाव जीतने के लिए भ्रम फैला रही हैं। वह बताएं कि आखिर देश में कैसे गृह युद्ध छिड़ जाएगा?
बकौल बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष, “कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य दल जो एनआरसी के खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए। उन्हें (घुसपैठियों) को बढ़ावा देकर हम कैसे सरहद पर कैसे देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं। मैं मानता हूं कि असम में एनआरसी देश की सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया कदम है। हम इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करेंगे।”
शाह ने आगे बताया, “इस मुद्दे पर सब कुछ सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में किया गया है। देश के बाकी राज्यों से आए अन्य लोगों के नाम न तो काटे गए हैं और न ही काटे जा सकते हैं। मैं जो संसद में न कह पाया, अब कह रहा हूं। भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं कि राज्यों में विवाद पनपेगा। यह सिर्फ और सिर्फ विपक्ष की चाल है। मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं।”