Ola, Uber के 40,000 टैक्सी ड्राइवर हड़ताल पर जाने से धीमी हुई मुंबई की रफ्तार
मुंबई में ओला और उबर के ड्राइवरों की हड़ताल जारी है। रविवार रात 12 बजे से ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक ओला और उबर के अधिकारियों के साथ मंगलवार (20 मार्च) दोपहर को मीटिंग है। इस मीटिंग में इस हड़ताल का कुछ हल निकलने की उम्मीद है। 80 फीसदी से ज्यादा कैब ड्राइवर कैब नहीं चला रहे हैं। जो ड्राइवर कैब चला रहे हैं वह 3 गुना तक चार्ज कर रहे हैं। एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। वहीं डेली पैसेंजर शेयर कैब का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ड्राइवरों की मांग है कि उनकी आमदनी 1.5 लाख रुपए महीने तक बढ़ाई जाए। बुकिंग पर इंसेंटिव दिए जाएं। इसके अलावा जिन ड्राइवरों को गलत तरीके से ब्लैकलिस्ट कर दिया है उन्हें फिर से बहाल किया जाए। मुंबई में ड्राइवर पार्टनर्स के एक ग्रुप के साथ यूनियन ने अंधेरी में ओला ऑफिस के करीब एक रैली की, जिसमें ड्राइवरों के लिए बेहतर कमाई की मांग की गई। रैली के बाद अंधेरी पुलिस ने कहा था कि रैली ‘अवैध’ थी क्योंकि उन्होंने अनुमति नहीं ली थी, मनसे यूनियन नेता नंदगांवकर को 14 अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं और ओला ड्राइवरों के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
उबर के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पैसेंजरों को होने वाली परेशानी के लिए हमें खेद है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूनियन और उनके नेताओं के खिलाफ इनजन्कशन ऑर्डर दिया है। उबर के मुताबिक वो अपने ड्राइवरों की बात सुन रहा है। एमएनवीएस के संजय नाइक ने कहा था कि ओला और उबर ने ड्राइवरों से बड़े वादे किए गए थे, लेकिन आज वह अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्होंने पांच से सात लाख रुपए निवेश किए और उन्हें मासिक आधार पर डेढ़ लाख रुपए तक कमाने की उम्मीद थी, लेकिन वह इसका आधा भी नहीं कमा पा रहे हैं, इसकी प्रमुख वजह इन कंपनियों का कुप्रबंधन है। कंपनियों पर ऐसा आरोप है कि कंपनियां हायर की गई टैक्सी के मुकाबले अपनी टैक्सी को ज्यादा राइड देती हैं। इस कारण दूसरे ड्रायवरों की आय प्रभावित हो रही है।
ड्राइवरों पर प्रेशर: ओला के एक ड्राइवर का कहना है कि उसकी रोजाना की जिंदगी उसकी डेली ड्राइविंग से होने वाली कमाई पर निर्भर है। उसके 2 बच्चे हैं जो स्कूल जाते हैं। घर में मां और पत्नी भी हैं। उसका कहना है कि उस पर ऐप में लॉगिन नहीं करने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। ड्राइवर का कहना है कि वह हेल्पलेस है।
मुंबई में ड्राइवर पार्टनर्स के एक ग्रुप के साथ यूनियन ने अंधेरी में ओला ऑफिस के करीब एक रैली की, जिसमें ड्राइवरों के लिए बेहतर कमाई की मांग की गई। रैली के बाद एक मनसे नेता समेत 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि ओला और उबर ने बाहरी ड्राइवरों की कारों के बजाए अपने कारों को चलाने पर जोर दिया था। इसकी वजह से ड्राइवरों की अपनी कार चलाने वाले ड्राइवरों की हालत खराब है।
मनसे की परिवहन शाखा, महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतूक सेना (एमएनवीएस) ने इस हड़ताल का आयोजन किया है। एमएनवीएस ने आरोप लगाया है कि कैब एग्रीगेटर्स के ड्राइवरों का बिजनेस अच्छा नहीं चल रहा है। उनका बिजनेस लगातार कम होता जा रहा है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण वहतुक सेना के प्रमुख संजय नाइक ने मांग की थी कि ओला और उबर टैक्सियों उन कानूनों से सहमत हों, जिन पर पीले-काले रंग की टैक्सियां चल रही हैं। नाइक का आरोप है कि यह कंपनियां कानून के मुताबिक बिजनेस नहीं कर रही हैं।
ड्राइवर्स की मांग हैं कि उनकी आमदनी में लगातार कमी हो रही है। इन कंपनियों की ड्राइवर्स यूनियन की प्रमुख मांग है कि पहले की तरह उनको कम से कम 1.25 लाख रुपये का व्यापार मिले। कंपनी अपने द्वारा चलाई जा रहीं कैब को बंद करें। ड्राइवर्स को दोबारा रखा जाए जिनको यूजर्स ने कम रेटिंग दी है। गाड़ी की कीमत के मुताबिक किराये का निर्धारण किया जाए और कम किराये पर बुकिंग को बंद किया जाए।