यौन शोषण के आरोपी तरुण तेजपाल को ‘राहत’ देने के लिए सोनिया ने लिखी थी चिट्ठी: रिपोर्ट
तहलका केस में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है कि यौन शोषण के आरोपी तरुण तेजपाल को राहल देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस समय वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम को पत्र लिखा था। टाइम्स नाउ के अनुसार उनके हाथ एक पत्र लगा है जिसके द्वारा यह बात कही जा रही है कि साल 2004 में चिदंबरम को सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर तहलका न्यूज पोर्टल के फाइनैंशियल प्राइवेट फर्म फर्स्ट ग्लोबल के खिलाफ जांच को रुकवाने के निर्देश दिए थे। इस पत्र के 6 दिनों के बाद फर्स्ट ग्लोबल पर चल रही जांच को हटा लिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय को मिलने के लिए बुलाया था।
सोनिया ने चिंदबरम को निर्देश दिए थे कि तहलका मामले को सुलझाने को प्राथमिकता दी जाए ताकि यह सनुश्चित किया जा सके कि इस केस में किसी भी प्रकार का अनुचित या गैरकानूनी कार्य नहीं किया गया है। सोनिया गांधी के पत्र लिखने के चार दिन बाद यूपीए सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया था और 2 दिन बाद फर्स्ट गलोबल पर चल रही जांच को हटा लिया गया था। यह वह समय था जब तहलका निरंतर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर स्टोरीज कर रहा था। वहीं इस मामले के सामने आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि मैंने इस पत्र पर ज्यादा ध्यान दिया था जो कि बिलकुस सही था, क्योंकि यह मेरे मंत्रालय के कार्य का हिस्सा रहा होगा तभी मैंने पत्र का जवाब दिया होगा।
इसके बाद चिंदबरम ने उनके पत्र को उजागर करने की बात करते हुए कहा कि “मीडिया से सिफारिश करता हूं कि वे सरकार से मांग करें कि वे सोनिया के पत्र के साथ मेरे जवाब को सभी के साथ साझा करें। सोनिया गांधी के पत्र और उस पर दिए गए मेरे जवाब को एक साथ पढ़ा जाना चाहिए। वहीं इस मामले के सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरु कर दिया है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह यूपीए सरकार द्वारा किए गए विनाश का सबूत है।