संपत्ति का ब्योरा देने में दिखने लगी केंद्रीय मंत्रियों की कोताही
भाजपानीत गठबंधन की सरकार ने जब केंद्र में सत्ता संभाली थी, तब जोर-शोर से यह एलान किया गया कि प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय कैबिनेट के सभी मंत्री और अफसर अपनी संपत्ति का ब्योरा हर साल सार्वजनिक करेंगे। लेकिन समय गुजरने के साथ ही, जरूरी करार दिए गए इस नियम के अनुपालन में अफसरों की कौन कहे, मंत्रियों की रुचि घटती चली गई। पारदर्शिता तय करने वाले गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों (आचार संहिता) की धज्जियां इस बार जमकर उड़ाई गई हैं। केंद्रीय कैबिनेट के 72 मंत्रियों में से इस साल सिर्फ 11 ने अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की है। जिन्होंने सार्वजनिक की है, उनके दस्तावेज देखने से खानापूरी की प्रक्रिया नजर आती है। खुद प्रधानमंत्री ने इस साल अपनी संपत्ति का ब्योरा जारी नहीं किया है।
मंत्रियों के द्वारा संपत्ति का ब्योरा जमा कराने की आखिरी तारीख हर साल की 31 अगस्त का निर्धारण मोदी सरकार ने 2014 में किया था। इस साल यह तारीख बीत चुकी है और प्रधानमंत्री कार्यालय के पास कुल 11 मंत्रियों का ब्योरा पहुंचा। उनके ब्योरे प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचना के आधार के तहत अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। ब्योरा जमा करने वाले मंत्रियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन सभी ने कैबिनेट फेरबदल की कवायद में व्यस्तता जताई और पारदर्शिता तय करने वाली आचार संहिता को लेकर बातचीत नहीं की। वित्त वर्ष 2015-16 में जब आचार संहिता के निर्देशों की अनुपालना की होड़ दिखी थी, तब मोदी सरकार के कुल 65 मंत्रियों में से सभी ने अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कराया था। तब इस कवायद को बार-बार पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता बताया गया। 2016 के अगस्त में कैबिनेट के 84 में से 76 ने अपना ब्योरा जमा कराया।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आचार संहिता के मुताबिक केंद्रीय मंत्रियों के लिए हर साल 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य है। यह व्यवस्था राज्यों के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के लिए भी है। इसमें सभी को अपने परिवार के सदस्यों की कमाई का ब्योरा देना भी जरूरी करार दिया गया है। अबकी बार 72 में सिर्फ 11 की संपत्ति और कमाई का ब्योरा सामने आया है। इस बार जिन्हें गृह मंत्रालय की आचार संहिता का ध्यान नहीं रहा, उनमें शुमार चर्चित नाम हैं- खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, नदी विकास मंत्री उमा भारती, विधि मंत्री व सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू आदि। जिन लोगों ने अपना ब्योरा जमा कराया है, वे हैं- वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सदानंद गौड़ा, राम विलास पासवान, अशोक गजपति राजू, चौधरी वीरेंद्र सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, मुख्तार अब्बास नकवी, जनरल वीके सिंह, राधाकृष्णन पी और अनुप्रिया पटेल।
अरुण जेटली ने अपनी चल-अचल संपत्ति बताई है 67.62 करोड़। उनके पिछले तीन ब्योरों में 19-20 का ही हेरफेर है। जमीन और आभूषणों के दाम बाजार दर के हिसाब से बढ़ते-घटते बताए गए हैं। यही स्थिति अन्य सभी के ब्योरों की है। राम विलास पासवान ने अपने पास महज 32 लाख की संपत्ति बताई है। उनकी कोई देनदारी नहीं है। उनकी संपत्ति पिछले साल की तुलना में घट गई है। पिछले साल उन्होंने 52 लाख की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 5.33 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की जानकारी दी है। उनकी भी कोई देनदारी नहीं है। पिछले साल उन्होंने 5.21 करोड़ की संपत्ति होने की जानकारी दी थी।
जेटली की चल-अचल संपत्ति की कुल कीमत 67.62 करोड़ है। उनके पास चार बैंक जमा खातों में करीब 64 लाख रुपए हैं। जेटली के पास 1.29 करोड़ की कीमत का सोना, चांदी और हीरा है। पिछले साल उनकी संपत्ति की कीमत 60.99 करोड़ रुपए थी। जेटली के पास चार गाड़ियां हैं, जिनमें दो मर्सिडीज, एक होंडा एकॉर्ड और एक टोयोटा फॉर्चुनर है। गाड़ियों की कुल कीमत 1.93 करोड़ है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की कुल संपत्ति 1.55 करोड़ की है। उनकी भी संपत्ति घटी है। पिछले साल उनकी संपत्ति की कीमत 1.6 करोड़ थी। उनकी अचल संपत्ति का बाजार मूल्य एक करोड़ है और उनके पास करीब पांच लाख का सोना, चांदी और हीरा है। उनके पास बैंक में 11 लाख रुपए जमा हैं। पी राधाकृष्णन ने 7.22 करोड़ की संपत्ति होने की जानकारी दी है। उनके पास दो बैंक खातों में 28 लाख रुपए जमा हैं। अनुप्रिया पटेल के पास कुल 1.82 करोड़ की संपत्ति है।