यूपी में आंबेडकर की मूर्ति हटा दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा लगाने के प्रशासन के आदेश पर मचा हंगामा
उत्तर प्रदेश के संस्कृति निदेशालय ने एक विवादित आदेश जारी किया है। आदेश में आगरा जिला प्रशासन से कहा गया है कि जिले के नगर निगम (AMC) परिसर में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेकर की दो मूर्तियों में से एक को हटाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति स्थापित की जाए। विवादित आदेश ऐसे समय में आया है जब पांच बार स्थानीय भाजपा विधायक ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को चिट्ठी लिख मांग की कि वहां सामाजिक कार्यकर्ता की मूर्ति स्थापित की जाए। इसके अलावा चिट्ठी में यह भी मांग की गई कि एक मूर्ति भारतीय जनसंघ के नेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की लगाई जाए। रिपोर्ट के मुताबिक आदेश पिछले 25 अप्रैल को पास किया गया। इसमें डिप्टी डायरेक्टर अजय कुमार अग्रवाल के हस्ताक्षर भी है। खबर के मुताबिक आदेश की एक कॉपी अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के पास भी है। आदेश में आगरा जिला मजिस्ट्रेट और एसएसपी से कहा गया कि मूर्ति स्थापना के बाद कोई विरोध होता है तो प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखे।
मामले में भाजपा विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने टीओआई से कहा कि उनका मकसद किसी का अपमान करना या दलित समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाना नहीं है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय दलितों अधिकारों के चैंपियन थे। उनकी मूर्ति स्थापित होने पर तो दलित समुदाय गर्व करेगा। विधायक ने आगे कहा कि आगरा नगर निगम परिसर में आंबेडकर दो मूर्तियां हैं। इनमें से एक का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने किया था जबकि दूसरी मूर्ति पुरानी है, जिसे कहीं और स्थापित किया जा सकता है। पुरानी मूर्ति की जगह वहां पंडित उपाध्याय की मूर्ति स्थापित की जा सकती है।
गौरतलब है कि आगरा नगर निगम परिसर से आंबेडकर की मूर्ति हटाए जाने पर दलित पार्षदों ने अपना विरोध दर्ज कराया है। रतनापुरा से दलित पार्षद धर्मवीर सिंह ने कहा है कि उपाध्याय की मूर्ति स्थापित की गई तो दलित समाज इस मुद्दें को सड़कों पर ले जाएगा। अगर उन्हें परिसर में आंबेडकर की दो मूर्तियों पर एतराज है तो उन्हें पहले ही मामले में अपना विरोध जताना चाहिए था। बीएसपी के आगरा जिला अध्यक्ष भारतेंदु अरुण ने कहा कि इससे सामाजिक दूरी और बढ़ेगी। नगर निगम को इसे रोकना चाहिए।