जम्मू-कश्मीर: 4000 पत्थरबाजों, प्रदर्शनकारियों से केस वापस, महबूबा मुफ्ती ने दिए आदेश

जम्मू एंड कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को 4 हजार से ज्यादा युवाओं के खिलाफ साल 2014 तक कश्मीर में पत्थरबाजी और प्रदर्शन करने के मामलों को वापस लेने के निर्देश दिए हैं। पिछले साल राज्य सरकार और सूबे के डीजीपी एसपी वैद के नेतृत्व में गठन की गई उच्च स्तरीय कमेटी की सिफारिशों के बाद कश्मीरी युवाओं के खिलाफ दर्ज शिकायतों को वापस लेने की मंजूरी दी गई है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा हमने एक कमेटी का गठन किया था जिसे इन मामलों की जांच करने को कहा गया था। हमने एक अन्य आदेश जारी कर कमेटी को साल 2015, 2016, और 2017 में दर्ज किए गए मामलों की जांच कर दस दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।

मुफ्ती ने कहा यह एक सतत प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम युवाओं को उनकी जिंदगी के पुननिर्माण में मदद कर सकते हैं। इसके बाद मुफ्ती ने कहा कि पिछले सालों में दर्ज की गई कई हजारों युवाओं के खिलाफ शिकायतों को वापस ले लिया गया है। इस मामले पर बात करते हुए डीजीपी वैद ने कहा इस कमेटी को पहले साल 2008, 2009 और 2010 के मामलों की जांच के लिए गठित किया गया था। एक साल पहले स्थापित की गई इस कमेटी को 2014 तक के मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए थे। हमने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है जिसमें पहली बार अपराध में शामिल होने वाले युवा, नाबालिगों और महिलाओं के खिलाफ दर्ज शिकायतों को वापस लेने की सिफारिश की गई है।

कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद 744 मामलों में शामिल 4,327 युवाओं के खिलाफ केस वापस लेने की मंजूरी दी गई है। वैद ने कहा कि हमने उन लोगों के खिलाफ केस वापस लेने की सिफारिश नहीं की है जो कि बार-बार अपराध को दोहराते हैं और जो जघन्य अपराध में शामिल रहे हैं। इसके बाद सूबे की मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए नए निर्देश पर बात करते हुए वैद ने कहा कि साल 2015, 2016 और 2017 में दर्ज की गई शिकायतों में भी हम पहले वाले मापदंडो को अपनाएंगे।

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