ओवैसी की ललकार- सबसे मजबूत प्रत्याशी उतारना, पीएम की 10 सभाएं भी करवाना, फिर भी हराऊंगा
हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समय से पहले आम चुनाव कराने की चुनौती दी है। ओवैसी ने भाजपा और कांग्रेस को हैदराबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की चुनौती देते हुए कहा कि ‘मैं दोनों पार्टियों को चैलेंज देता हूं कि हैदराबाद लोकसभा सीट पर किसी जोकर को नहीं, बल्कि अपने सबसे मजूबत उम्मीदवार को उतारना। प्रधानमंत्री मोदी चाहे तो शहर में 10 बैठकें कर लें। इसके बावजूद हिंदू, मुस्लिम, दलित और ईसाई हैदराबाद से एआईएमआईएम पार्टी को 2 लाख से भी ज्यादा वोटों से जिताएंगे।’ एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी की 60वीं सालगिरह के अवसर पर हैदराबाद के दार-उल-सलाम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘मोदी सरकार ने सिवाए निराशा के किसी को भी कुछ नहीं दिया है।’ ओवैसी ने कहा कि ‘अब लोग इंतजार में हैं कि कब चुनाव हों और उनकी पार्टी को सबक सिखाया जाए।’ हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक में हुए करोड़ो रुपए के घोटाले का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘पीएम मोदी के उस वादे का क्या हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा’? ओवैसी ने सिकंद्राबाद लोकसभा सीट समेट हैदराबाद की सभी 5 लोकसभा सीटों पर भाजपा की हार की गारंटी दी। हालांकि तेलंगाना को लेकर ओवैसी थोड़े संशय में दिखे। इसलिए ओवैसी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अभी से ही वहां चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया।
असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा कि ‘जनेऊधारी’ कांग्रेस के मुस्लिम सदस्य ऐसे वक्त चुप क्यों हैं, जब संसद में शरिया कानून और पैगम्बर मुहम्मद साहब की शिक्षाओं पर हमला किया जा रहा है।’ ओवैसी ने तील तलाक और तलाक-ए-बिद्दत का हवाला देते हुए ये बात कही। साथ ही एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई, कांग्रेस और उसके बड़े नेता तब भी चुप थे। ओवैसी ने हिंदुओं को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘भारत की खूबसूरती उसमें है, जब सभी रंग एक साथ रहें, फिर चाहे वो भगवा हो, हरा हो, सफेद या फिर काला।’ उन्होंने कहा कि ‘संघ परिवार को यह समझना चाहिए कि सिर्फ भगवा रंग ही भारत नहीं है।’