Padmavati Controversy: कांग्रेस शासित पंजाब के सीएम ने भी किया फिल्म का विरोध, बोले- जायज है हंगामा
बीजेपी शासित राज्यों के बाद कांग्रेस शासित राज्य भी फिल्म पद्मावती के विरोध में आ गये हैं। कांग्रेस शासित पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिल्म पर हंगामे को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा है कि किसी को भी इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो लोगों को विरोध का हक है। इससे पहले सोमवार (20 नवंबर) को ही बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि यदि इसमें संजय लीला भंसाली की फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर चित्तौड़ की महारानी रानी पद्मावती के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गये तो उस फिल्म को मध्यप्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। पंजाब के सीएम ने कहा कि जो फिल्म इतिहास से छेड़छाड़ करती है उसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मीडिया से कहा, ‘एतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ किसी को स्वीकार नहीं है, और जो इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वो ठीक ही कर रहे हैं।’
फिल्म पद्मावती के विरोध में आज राजपूत समुदाय के लोगों ने भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की।इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर राजपूत समाज के सम्मेलन में सीेएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘इतिहास पर जब फिल्में बनायी जाती हैं तो ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि फिल्म में ऐतिहासिक मूल्यों से खिलवाड़ किया गया है। इसलिये मैं पूरे जोश और होश में यह कह रहा हूं कि ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर रानी पद्मावती के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गये हैं, तो उस फिल्म का प्रदर्शन मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होगा।’’
इससे पहले उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी रविवार को कहा था कि अगर फिल्म से विवादित सीन नहीं हटाया गया तो वे राज्य में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश इस इसी मामले में पीएम को चिट्ठी लिखकर फिल्म को रिलीज होने से रुकवाने को कहा था। राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे भी कुछ इसी तरह की मांग कर चुकी हैं। बता दें कि फिल्म पद्मावती का राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जबरदस्त विरोध हो रहा है।