5 से 60 हजार तक हैं रावण के पुतले, देश के दूसरे हिस्सों से भी आते हैं कारीगर

पश्चिमी दिल्ली स्थित राजौरी गार्डन से लेकर टैगोर गार्डन तक सड़क के दोनों ओर रावण और उसके परिवार को देखा जा सकता है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के हजारों पुतलों को देखने वालों का तांता दिन भर लगा रहता है। पश्चिमी दिल्ली का यह बाजार तातारपुर है। जो विश्वभर में रावण मंडी के नाम से मशहूर है। इस रावण मंडी में न केवल उत्तरी भारत बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में रावण और उसके परिवार के पुतलों का निर्यात होता है। तातारपुर में पुतले बनाने का काम बरसों से हो
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