भारत के ऐतिहासिक सौवें उपग्रह के प्रक्षेपण से घबराया पाकिस्तान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार (12 जनवरी) को कार्टोसेट-2 का सफल प्रक्षेपण किया। इसकी पूरी दुनिया में धूम है, लेकिन पड़ोसी देश इसको लेकर परेशान है। जी हां! पाकिस्‍तान ने भारत के ऐतिहासिक सौवें उपग्रह के प्रक्षेपण पर आपत्ति जताई है। इस्‍लामाबाद ने कहा कि सेटेलाइट को भले ही असैन्‍य जरूरतों के लिए छोड़ा गया हो, लेकिन इसका सैन्‍य जरूरतों के लिए भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है। हद तो तब हो गई जब पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय ने इससे क्षेत्र के स्‍थायित्‍व के लिए संकट पैदा होने की आशंका तक जता दी। पाकिस्तान के मुताबिक, दोहरी प्रकृति वाले सेटलाइट से क्षेत्र की सामरिक स्थिरता पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

भारत ने 100वां उपग्रह प्रक्षेपित कर एक रिकॉर्ड कायम किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत कार्टोसेट के साथ 31 सेटलाइट लांच कर रहा है। ये उपग्रह दोहरी प्रकृति के हैं और इनका सैन्य मकसद पूरा करने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।’ एक रिपोर्टर द्वारा पूछे सवाल के जवाब में फैजल ने कहा कि सेटलाइट की दोहरी प्रकृति की वजह से अस्थिरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘सभी देशों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का शांतिपूर्ण उपयोग करने का कानूनी अधिकार है। हालांकि, इन तकनीकों की दोहरी प्रकृति की वजह से यह जरूरी है कि इसका इस्तेमाल सैन्य क्षमता विकसित करने के लिए न हो जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर नकारात्मक असर पड़े।’

कार्टोसेट-2 का प्रक्षेपण कार्टोसेट सीरीज के तहत किया गया है। इस मिशन के सफल होने के बाद अपेक्षाकृत बेहतर गुणवत्‍ता वाली तस्‍वीरें मिल सकेंगी। इसकी मदद से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बेहतर इनपुट मिल सकेगा। ऐसे में विकास योजनाओं के क्रियान्‍वयन को और बेहतर किया जा सकेगा, ताकि आम लोगों को इसका लाभ मिल सके। खासकर सड़क परियोजनओं को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा। इसके अलावा सीमा की निगरानी की भी प्रभावी तरीके से हो सकेगी। बेहतर सेटेलाइट तस्‍वीरों की मदद से सीमाई इलाकों में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। मालूम हो कि पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्‍तान सीमा से लगते इलाकों में अक्‍सर संदिग्‍ध गतिविधियों में संलिप्‍त रहता है।

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