पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों को हटाने में हिंसा, सेना बुलाई गई

पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग की घेराबंदी कर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने शुक्रवार रात अभियान शुरू किया। इस दौरान हुई झड़पों में शनिवार को एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई और 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए। अभियान को देखते हुए सरकार ने टीवी समाचार चैनलों और फेसबुक, ट्वीटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया बेवसाइट को बंद कर दिया है। हालात पर काबू पाने के लिए देर रात सेना बुला ली गई।  पाकिस्तान के गृहमंत्री एहसान इकबाल के खिलाफ शुक्रवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आइएचसी) ने अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया था। इसके बाद यह अभियान शुरू किया गया। यह नोटिस सड़क खाली कराने से संबंधित अदालत के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया था।

सरकार ने फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर रोक लगा दी है। यह फैसला तकरीबन सभी समाचार चैनलों को रोकने के बाद किया गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि निजी समाचार चैनलों और सोशल मीडिया साइट पर रोक का निर्णय इस्लामाबाद में लाल मस्जिद पर सैन्य अभियान के अनुभव को देखते हुए किया गया। एक सूत्र ने कहा, ‘उस समय कुछ मीडिया चैनलों ने संदिग्ध आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों का महिमामंडन किया था। इससे काफी नाराजगी हुई थी।’ एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘ऐसे नाजुक समय में ऐसी चिंता थी कि सोशल मीडिया साइट का इस्तेमाल अपुष्ट और झूठी खबर या सूचना को फैलाने और लोगों के बीच आतंक और भय उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।’  सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से फोन पर बात की और समस्या के शांतिपूर्ण हल का आग्रह किया। बहरहाल पुलिस अब तक फैजाबाद मोड़ से प्रदर्शनकारियों को हटाने में नाकाम रही है। प्रदर्शनकारी यहां करीब तीन हफ्ते से कब्जा जमाए बैठे हैं। पुलिस ने बताया कि संघर्ष में कम से कम एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई और प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाकर्मियों समेत 150 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

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