भारत की प्रतिक्रिया का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने विकसित किया छोटी दूरी का न्यूक्लियर हथियार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने आज (21 सितंबर) कहा है कि उनके देश ने छोटी दूरी तक मार करने वाला ‘न्यूक्लियर हथियार’ विकसित किया है। ये हथियार भारत के उस ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ को जवाब देने के लिए विकसित किया गया है जिसे भारतीय सेना ने अपनाया है। अब्बासी ने कहा है कि हथियार पूरी तरह से सुरक्षित है। परमाणु संपत्ति पर हमारे पास एक बहुत ही मजबूत, सुरक्षित कमांड और कंट्रोल सिस्टम है। अमेरिकी थिंक टैंक को जवाब देते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समय ने ये साबित किया है कि ये बहुत सुरक्षित प्रक्रिया है। पूरी प्रकिया न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी (एनसीए) की निगरानी में पूरी हुई है। इसलिए इस बात की कोई गुंजाइश नहीं है कि इन हथियारों का आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकेगा। गौरतलब है कि पाकिस्‍तान की यह अथॉरिटी देश के परमाणु हथियारों से संबंधित कमांड, कंट्रोल और ऑपरेशनल फैसलों के लिए उत्‍तरदायी है।

अब्बासी ने आगे कहा कि हमने न्यूक्लियर हथियारों को भारत ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ नीति को जवाब देने के लिए विकसित किया है। जानकारी के लिए बता दें कि ‘कोल्ड स्टार्ट’ भारत की सेना द्वारा विकसित सैन्य सिद्धान्त है, जिसे भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ संभावित युद्ध को ध्यान में रखकर विकसित किया है। ‘कोल्ड स्टार्ट’ सिद्धांत के अनुसार आदेश मिलने के 48 घंटों के भीतर हमला शुरू किया जा सकता है। हालांकि भारत ने लगातार इससे इंकार किया है।

वहीं मॉडरेटर डेविड सेंगर ने कहा, पाकिस्तान दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली परमाणु शक्ति है। दुनिया में कोई ऐसी शक्ति नहीं है, जो पाकिस्तान की तरह परमाणु मामलों में इतनी तेजी के साथ विकसित हुई हो। पाकिस्तान के अलावा उत्तर कोरिया तेजी से परमाणु मामले में आगे बढ़ रहा है, जिसने अमेरिका की चिंता ज्‍यादा बढ़ा दी है, क्‍योंकि वे हथियार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वे हथियार के कमांड और कंट्रोल को लेकर परेशान हैं। हालांकि इस मामले में अब्बासी का कहना है कि पाकिस्तान में न्यूक्लियर हथियारों पर कमांड और कंट्रोल अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा सुरक्षित है।

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