भारत में इलाज करने की इच्छा रह गई अधूरी, पाकिस्तान हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मंसूर अहमद का निधन
पाकिस्तान को विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले हॉकी गोलकीपर मंसूर अहमद का लंबे समय तक दिल की बीमारी से जूझने के बाद शनिवार को कराची के एक अस्पताल में निधन हो गया।ओलिंपिक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाले 49 साल के अहमद पिछले काफी समय से दिल में लगे पेसमेकर और स्टेंट से परेशान थे। उन्होंने हृदय प्रत्यारोपण के लिए भारत से भी संपर्क किया था। पाकिस्तान के लिए 388 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले इस महान खिलाड़ी को 1994 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पेनाल्टी शूट में गोल का बचाव कर पाकिस्तान को विश्व विजेता बनाया था। इसी साल उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जर्मनी के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट का बचाव किया था जिससे पाकिस्तान इसका विजेता बना था। मंसूर अहमद ने अपनी बीमारी के लिए भारत से मदद भी मांगी थी। सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर मंसूर ने कहा था कि ”मैंने भारत को हराकर कई भारतीयों का दिल तोड़ा है, लेकिन इस समय मेरी मदद सिर्फ भारत ही कर सकता है। मैं सुषमा स्वराज से अनुरोध करता हूं कि वह मेरी मदद करें”।
दरअसल, मंसूर को वीजा एप्लिकेशन प्रोसेस के लिए सरकार से अनुमति की जरूर थी और इस वजह से वह वीडियो के जरिए सरकार से मदद की अपील कर रहे थे। इसके बाद कई भारतीय अस्पतालों ने उन्हें इलाज की पेशकश की थी। इनमें से दिल्ली के कालरा अस्पताल उनकी मदद के लिए सबसे पहले आगे आई और एक पत्र भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास भी भेजा। इस पत्र में लिखा था कि मंसूर को जल्द से जल्द इलाज की जरूरत है और हम उनका इलाज करने के लिए तैयार हैं।