कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट में भारत के दावे को दी चुनौती

कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने आज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत के दावे के खिलाफ अपना जवाब दाखिल किया है। 400 पेज का यह जवाब पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल की अध्यक्षता में एक टीम द्वारा तैयार किया गया है। पाकिस्तान ने अपने नए हलफनामे में कहा है कि कुलभूषण जाधव कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है और इस कारण उसका मामला वियना कन्वेंशन के अन्तर्गत नहीं आता है। पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल फियो टीवी का कहना है कि पाकिस्तान की फॉरेन ऑफिस डायरेक्टर ऑफ इंडिया फारेहा बुगती ने आईसीजे के हेग स्थित न्यायालय में यह जवाब दाखिल किया है। बता दें कि हाल ही में भारत ने कुलभूषण जाधव को रिहा करने के लिए आईसीजे में याचिका दाखिल की थी।
उल्लेखनीय है कि कुलभूषण जाधव, जो कि भारतीय नौसेना के एक रिटायर्ड अफसर हैं, पाकिस्तान की एक जेल में अप्रैल, 2017 से बंद हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने कुलभूषण जाधव को जासूसी और आतंकवाद का दोषी मानते हुए 10 अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनायी थी। पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण जाधव को ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया और वह भारतीय खूफिया एजेंसी रॉ के लिए जासूसी का काम कर रहे थे। इस पर भारत ने पहली बार 8 मई, 2017 को आईसीजे में कुलभूषण जाधव का मामला उठाया था। भारत ने आईसीजे में कहा था कि पाकिस्तान ने 1963 के वियना कन्वेंशन का गंभीर रुप से उल्लंघन किया है। साथ ही भारत आईसीजे को यह बताने में सफल रहा था कि कुलभूषण जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया है, जहां कुलभूषण जाधव व्यापार के सिलसिले में गए हुए थे।
भारत के इस दावे पर आईसीजे ने 18 मई, 2017 को दिए अपने फैसले में पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इस साल 17 अप्रैल को भारत ने कुलभूषण जाधव की जेल से रिहाई के लिए आईसीजे में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद पाकिस्तान को इसके जवाब में 17 जुलाई, 2018 तक अपना जवाब पेश करने के लिए कहा गया था। इसी के तहत पाकिस्तान ने आज अपना जवाब आईसीजे में दाखिल कर दिया है।