Panama Papers: सामने आया दाऊद के दाएं हाथ इकबाल मिर्ची परिवार का नाम, बनाई 17 कंपनियां
Panama Papers India List: पनामा पेपर्स के ताजा खुलासे में इकबाल मिर्ची के परिवार का नाम सामने आया है। मिर्ची के परिवार ने रियल एस्टेट का काम देखने के नाम पर विदेश में कुल 17 कंपनियां बनाईं। दस्तावेजों में कंट्री प्रॉपर्टी लिमिटेड से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने पनामा की मोसैक फॉन्सेका के साथ साल 2016 में बीवीआई कंपनी से जुड़ी डेटा लीक पर जांच-पड़ताल की थी। ताजा खुलासे में जो जानकारियां निकलकर आई हैं, उसमें कई चीजें अस्पष्ट हैं। मसलन मिर्ची के परिवार ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआई) में कंपनी बनाई थी, जबकि उनका उद्देश्य यूनाइडेट किंगडम में प्रॉपर्टी से जुड़ा काम काज संभालना था। वहीं, पासपोर्ट में उसकी पत्नी व बेटों ने खुद को भारतीय बताया, मगर वे लोग रहते संयुक्त अरब अमीरात में हैं।
बता दें कि मिर्ची, मोस्ट वांडेट डॉन दाऊद इब्राहिम का दायां हाथ था। एक दौर था, जब वह मुंबई पुलिस की हिटलिस्ट में था। 2013 में दिल का दौरा पड़ने से उसकी लंदन में मौत हो गई थी, तब वह 63 साल का था। सीबीआई के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद उसे स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार भी किया था। साल 2010 में इकबाल मिर्ची की पत्नी हाजरा इकबाल मेमन और उसके दो बेटों- जुनैद इकबाल मेमन व आसिफ इकबाल मेमन ने मिलकर इस कंपनी को शुरू किया था।
नई जानकारी में बीवीआई से जुड़ी कंपनी एफएसएन के बारे में भी पता चलता है, जिसे 2015 में मिर्ची के परिवार ने बनाया था। ये दोनों कंपनियां यूनाइटेड किंगडम में रियल एस्टेट में किए जाने वाले निवेश का प्रबंधन करने के लिए किए बनाई गई थीं। पांच अप्रैल 2016 को इंडियन एक्सप्रेस ने पनामा पेपर्स लीक किए थे। उनमें कुछ ऐसे दस्तावेज थे, जिनसे पता लगा था कि कंट्री उन 17 उन कंपनियों में से थी, जिन्हें मिर्ची के यूनाइटेड किंगडम, सायप्रस, तुर्की, मोरक्को और स्पेन में जमीनों-संपत्तियों के असल निवेश से जुड़े काम-काज को देखने के लिए बनाया गया था।
तीन मई 2016 को कंट्री का नाम उन 69 कंपनियों की सूची में था, जिनमें से अधिकतर भारतीयों की थीं। नई जानकारी में अप्रैल 2016 और दिसंबर 2017 के बीच का पत्राचार और ई-मेल हैं, जो दर्शाते हैं कि कानूनी फर्म ने अपने ग्राहकों को तय किए गए प्रावधानों का पालन करने के लिए तो प्रेरित किया, मगर उसने अपनी कंपनी की होल्डिंग फिर से पुर्नगठित की।
दस्तावेज यह भी बताते हैं कि 27 मार्च 2017 को एक शेयर सर्टिफिकेट जारी हुआ, जो कि संयुक्त रूप से तीनों मेमन (मिर्ची की पत्नी व बेटों) के नाम था, जबकि इसके बाद एक अन्य सर्टिफिकेट भी जारी हुआ था। उसमें सिर्फ दोनों बेटों के नाम थे। हालांकि, इन सर्टिफिकेट्स में शेयर की वैल्यू का कोई ब्योरा नहीं दिया गया था।
खुलासे में यह भी पता चला कि मिर्ची की दिसंबर 2016 में मिर्ची की पत्नी ही कंपनी की सोल डायरेक्टर थी। इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में जब मिर्ची के परिवार को कुल सवालों से भरी चिट्ठी भेजी, तो उनके वकील का जवाब आया- मेरे क्लाइंट सभी स्थानीय कानूनों का पालन करते हैं। आपकी इस पड़ताल में उनके नाम जोड़े रहने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बनता।”
खुलासे में कंट्री प्रॉपर्टी से जुड़ी ये चीजें भी पता लगीं–
– मिर्ची की बीवी हाजरा इकबाल मेमन को ही कंपनी का लाभाकारी स्वामी बताया गया।
– ग्लोबल लीक के बाद कंपनी का रिस्क मैट्रिक्स बदलकर हाई रिस्क हो गया था। कंपनी को इसके साथ ही 20 मार्च 2017 को चेतावनी भरा मेल भी जारी हुआ था। उसमें कहा गया था कि अगर 30 दिन के भीतर कंपनी ने सभी नियमों का पालन नहीं किया, तो उसे सीज कर दिया जाएगा।
– इन कंपनियों में निवेश के लिए फंड के स्रोत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट कारोबार संबंधी गतिविधियां थीं।
– मिर्ची के परिवार के तीनों सदस्यों ने दस्तावेजों में खुद को भारतीय बताया था। पासपोर्ट की प्रतियां भी प्रमाण के रूप में संलग्न की थीं। मगर हाजरा ने लिखित हलफनामा जमा किया था, जिसमें उसने बेटों के यूएई में रहने की बात बताई थी।