छत्तीसगढ़ के पंचायत ने बलात्कार के 3 आरोपियों को 10 – 10 हजार रुपए जुर्माना लगाकर छोड़ दिया,

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले जशपुर में तीन लड़कियों से रेप का मामला सामने आया है। जिन तीन लड़कियों से बलात्कार किया गया, उनमें दो नाबालिग बताई जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां की पंचायत ने पीड़ितों के परिजनों को मामले में समझौता करने के लिए मजबूर किया। टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत ने तीनों आरोपियों पर महज दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके बाद जुर्माने के पैसे से गांव में मांस की दावत की गई। बचे हुए पैसों को बीते रविवार को गांव के 45 लोगों के बीच बांट दिया। इसपर पंचायत ने घोषणा की कि ‘इंसाफ हो गया।’ पंचायत के इस फैसले से एक पीड़िता का परिवार संतुष्ट नहीं हुआ और वह सीधे मीडिया के पास जा पहुंचा। जशपुर की एएसपी उनेजा खातून अंसारी ने बताया कि पीड़ितों में से एक ने मामले में शिकायत दर्ज कराई है। हमें इस बात की जानकारी मीडिया के जरिए मिली। पुलिस की एक टीम को गांव में भेज दिया गया है। यह गांव जशपुर जिले के दूरस्थ हिस्से में है।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पांच जुलाई को देर शाम तक तीनों लड़कियां जब घर नहीं पहुंची तो उन्हें खोजने के लिए उनके परिजनों बाहर निकले। तब एक युवा ने बताया कि तीन लड़कों ने तीन लड़कियों का रेप किया है। उसने खुद आरोपियों को घटनास्थल से भागने पर मजबूर किया। घटना के बाद तीनों पीड़िताओं के परिजनों उन्हें घर ले आए। इस दौरान जब तीनों पुलिस में शिकायत करने की सोच रहे थे तब गांव प्रमुख ने उन्हें मीटिंग के बुलाया। पंचायत में बलात्कार पीड़ितों के पिताओं ने जोर देकर कहा कि वह आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे।

इस दौरान पंचायत ने कथित तौर पर पीड़िताओं के परिजनों से एफआईआर दर्ज कराने की जगह समझौता करने पर जोर दिया। हालांकि बाद में पीड़िताओं के परिवारों जानकर आश्चर्य हुआ कि आरोपियों पर जो जुर्माना लगाया गया उस पैसे से गांव में भव्य पार्टी आयोजित की जा रही है। गावों के लोगों को मटन पार्टी को न्योता भेजा गया है। एक पीड़िता के पिता ने बताया कि बचे हुए पैसे गांव के लोगों में बांट दिए गए। हर शख्स को 485 रुपए दिए गए। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

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