भारतीय सेना के जबाबी करवाई में हुई गोलाबारी से पाकिस्तानी खेमे में हड़कंप, खाली कराए गांव
कश्मीर के उड़ी सेक्टर में 2003 के बाद से सबसे प्रचंड क्रॉस बॉर्डर गोलाबारी होने से सीमा से सटे पाकिस्तानी गांवों में भगदड़ मची है। पाकिस्तानी सेना की तरफ से उसके तरफ के गांवों को खाली करने के लिए कहा गया है। सीमा से सटे पाकिस्तानी गांवों को गुरुवार (22 फरवरी) से शनिवार (24 फरवरी) की सुबह के बीच खाली किया जाता रहा है। हजारों लोगों के घर छोड़कर उड़ी कस्बे में जाने की खबर है। इलाके में चल रही दो बिजली परियोजानाओं के अधिकारियों से जरूरी एहतियात बरतने के लिए अलर्ट जारी किया गया है। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया, 2013 के बाद से पहली बार उड़ी सेक्टर में तोपों निकलती आग देखी गई। सोमवार (19 फरवरी) से इलाके में दोनों सेनाओं की तरफ से नियमित तौर पर भारी गोलाबारी देखी जा रही हैं। दोनों तरफ से फेंके जा रहे मोर्टारों की वजह से सीमा से सटा जम्मू के इलाके में सन्नाटा पसरा है।
पाकिस्तान की तरफ से शनिवार को करीब साढ़े ग्यारह बजे गोलाबारी शुरू हुई, जिसमें सीमा के उड़ी के तीन गांवों चुरांडा, सिलिकोट और तिलावरी को निशाना बनाया गया, जहां कई घरों को गोलाबारी से नुकसान पहुंचा। सिलिकोट के ग्रामीणों ने बताया कि संदिग्ध पाकिस्तानी सैनिकों ने लाउडस्पीकर से घरों को खाली करने के लिए घोषणा की थी। एक गांववाले ने कहा कि उन्होंने रात के साढ़े 12 बजे घर खाली करने के लिए कहा, इससे भगदड़ मच गई और लोग गांव छोड़कर जाने लगे। बारामूला के डिप्टी कमिश्नर नासिर नकाश ने पाकिस्तान की तरफ से की घोषणा की पुष्टि की।
उन्होंने संडे एक्सप्रेस को बताया कि यह खौफ फैलाने की उसकी रणनीति हो सकती है। सरकारी सूत्रों ने संडे एक्सप्रेस को बताया कि पाकिस्तान इलाके का विस्तार करने की कोशिश करते हुए सीमा पर युद्ध विराम का उल्लंघन करता रहा है जो कि पहले पीर पंजाल रेंज के दक्षिण तक प्रतिबंधित था, लेकिन जिस प्रकार भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को दवाब में रखने के लिए दक्षिण की रेंज की तरफ सक्रिय रुख किया है, पाकिस्तान उड़ी जैसे इलाकों में कार्रवाई कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक गर्मी में वर्फबारी की वजह से भी पाकिस्तान पहले के मुकाबले इस साल ज्यादा घुसपैठ के बारे में सोच रहा है। उड़ी कश्मीर में उग्रवादियों की घुसपैठ के लिए बड़ा रूट है। 2016 में उड़ी स्थित भारतीय सेना के मुख्यालय में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारिक बयानों के मुताबिक उत्तरी पीर पांजल में करीब 200 आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ करने की राह देख रहे थे। भारतीय सेना सीमा पर आंतकवादियों को खदेड़ने के लिए पाकिस्तानी लॉन्च पैड और चौकियों को निशाना बना रही हैं। सेना की तरफ से कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से युद्ध विराम का उल्लंघन किया जा रहा है।