PM मोदी के यूरोप दौरे के दौरान हो रहा विरोध, मोबाइल वैन पर मोदी नॉट वेलकम के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं। कठुआ गैंगरेप और हत्या को लेकर पीएम मोदी का ब्रिटेन में विरोध किया जा रहा है। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद शायद पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी कारण से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान विदेश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शनकारी मोबाइल वैन पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर मोदी का विरोध कर रहे हैं।
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार विरोधियों ने पीएम मोदी का विरोध करने के कारण भी बताए हैं। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मुसलमानों की हत्या करने वालों का संरक्षक, बलात्कारियों को बचाने वाला और दलितों की हत्या करने वालों का समर्थक करार दिया है। मोदी के विरोध में लंदन के व्हाइटहॉल, लंदन आई, पार्लियामेंट स्क्वायर और वेस्टमिंस्टर एबी के समीप होर्डिंग लगाए गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कठुआ गैंगरेप के दोषियों को सजा दिलाने के बारे में सवाल पूछे हैं। प्रदर्शनकारियों ने लिखा, ‘मोदी नॉट वेलकम’।
बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन के कुछ छात्र संगठनों ने नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। छात्रों ने पूछा था कि भारत में तीन नाबालिग लड़कियों के खिलाफ हुए घृणित अपराध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेजी से उचित न्याय सुनिश्चित करने के लिए मोदी कब कार्रवाई करेंगे? छात्रों ने पूछा, ‘आपने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चियों को न्याय मिलेगा। हम इसका स्वागत करते हैं। मगर प्रधानमंत्री से सवाल है कि बच्चियों को इंसाफ कब और कैसे मिलेगा?’
कठुआ और उन्नाव गैंगरेप मामले में प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, उन्होंने एक कार्यक्रम में आरोपियों को न बख्शने की बात कही थी। कठुआ में एक आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। बाद में उसकी हत्या भी कर दी गई थी। आरोपियों के समर्थन में कुछ संगठनों ने प्रदर्शन किया है। वकीलों के एक गुट ने पुलिस को इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से रोकने की भी कोशिश की थी। उन्नाव दुष्कर्म कांड में भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर संलिप्तता के आरोप लगे हैं। पीड़िता द्वारा सार्वजनिक तौर पर विधायक पर आरोप लगाने के बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। मामले के आदलत में पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपी विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। साथ ही छानबीन के लिए एसआईटी भी गठित की थी। हालांकि, विवाद बढ़ने पर मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया।