त्रिपुरा में उन्मादी भीड़ ने बच्चा चोर के शक में एक शख्स की पीट-पीटकर ले ली जान, दो को भारी संघर्ष के बाद बचाया गया
भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में गुरुवार को उन्मादी भीड़ ने पीट-पीटकर एक शख्स की जान ले ली। जबकि दो अन्य को भारी संघर्ष के बाद पुलिस बचा पाई। ये वाकया सिदाई पुलिस स्टेशन के उरबारी क्षेत्र में हुआ है। भीड़ को संदेह था कि ये तीनों कथित तौर पर बच्चा चोर थे। मरने वाले की शिनाख्त जाहिर खान के तौर पर हुई है। जबकि दो अन्य घायलों की पहचान गुलज़ार और खुर्शीद के तौर पर हुई है। ये सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और त्रिपुरा में कपड़े का कारोबार करने के लिए आते थे। किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में इंटरनेट बंद करने का फैसला किया है।
त्रिपुरा में बीते कुछ दिनों से अफवाह है कि कुछ लोग बच्चों को अगवा करने के बाद उनके अंग निकालकर बेच रहे हैं। ये आग उस वक्त और भड़क उठी जब मंगलवार (26 जून) को एक 11 साल का बच्चा गायब हो गया। गायब बच्चे का नाम पूर्ण विश्वास था। पश्चिमी त्रिपुरा के मोहनपुर में उसका घर था। बाद में उसके घर के पास ही उसकी लाश बरामद हुई। उसकी निर्मम तरीके से हत्या की गई थी। हालांकि पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं। जबकि स्थानीय लोगों का दावा था कि लड़के की दोनों किडनी गायब थीं।
हालांकि त्रिपुरा पुलिस ने इस बात की कड़ी निंदा की है कि कुछ लोग पूर्ण विश्वास की हत्या में बच्चा चोर गिरोह का हाथ होने की बात कह रहे हैं। ये पूरी तरह से निराधार और बकवास है। राज्य के डीजपी अखिल कुमार शुक्ला ने भी सभी से अपील की है कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें और झूठी खबरें न फैलाएं। इससे समाज में तनाव बढ़ता है। डीजीपी ने अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है।
मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने भी अफवाहों पर लगाम लगाने की कोशिश करते विधानसभा में बयान दिया था। लेकिन इसका फायदा नहीं हो सका। स्थानीय मीडिया ने बुधवार को दावा किया था कि लड़के के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे और उसकी किडनी गायब थीं। इससे लोगों में ये भय और ज्यादा बढ़ गया कि राज्य में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है। विपक्षी कांग्रेस और सीपीआईएम ने कानून मंत्री रतनलाल नाथ के इस्तीफे की मांग की है। मंत्री नाथ ने कथित तौर पर ये बयान दिया था कि बच्चे की हत्या में अंतरराष्ट्रीय बच्चा चोर गिरोह का हाथ हो सकता है।
बीते दो दिनों के भीतर ही उन्मादी भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में नौ लोगों की जान ली है। पिछले एक साल में देश भर में 24 हत्याएं भीड़ के पीटने की वजह से हुई हैं। इसके पीछे व्हाट्सएप पर फैली अफवाहें बड़ा कारण हैं। पिछले पांच दिनों में छत्तीसगढ़ और गुजरात में दो लोगों की भीड़ ने हत्या की है। उन पर भी यही संदेश था कि ये बच्चा चोर गिरोह के सदस्य थे। जबकि सैकड़ों अन्य लोगों की पिटाई भी की गई है।