अब पेट्रोल चार साल में सबसे महंगा, डीजल ने तोड़ा ऑल टाइम रिकॉर्ड
NDA के शासनकाल में पेट्रोल की कीमत चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। डीजल का दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर है। आमलोग अब इसके लिए नरेंद्र मोदी की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। साथ ही सरकार से अविलंब हस्तक्षेप करने की भी मांग उठने लगी है, ताकि पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके। दिल्ली में पेट्रोल 73.83 रुपये प्रित टर बिक रहा है। वहीं, डीजल ऑल टाइम रिकॉर्ड 64.69 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में डीजल की कीमत उच्चतम स्तर तक पहुंच चुकी है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने साल के शुरुआत में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में कटौती करने की मांग की थी, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतों के असर से आमलोगों को राहत दी जा सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को पेश बजट में पेट्रोलियम मंत्रालय के सुझाव को नजरअंदाज कर दिया था। दक्षिण एशियाई देशों में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं। टैक्स रेट ज्यादा होने के कारण आमलोगों को इस मद में ज्यादा खर्च करना पड़ता है।
कीमतों को कम रखने के लिए सरकार बनाए योजना: डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से निजात पाने के लिए सरकार द्वारा ठोस योजना बनाने की मांग उठने लगी है। इसके तहत कारपूलिंग को लेकर औपचारिक तौर पर पहल करने या फिर उत्पाद शुल्क को कम करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, सरकार की ओर से इस दिशा में पहल नहीं की गई है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की कीमतों में वृद्धि का असर भारतीय उपभोक्ताओं पर भी पड् रहा है। पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है।
केंद्रीय मंत्री को उम्मीद, पेट्रोलियम पदार्थ जल्द ही जीएसटी के दायरे में आएगा: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृदि्ध पर लोगों की नाराजगी के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीद जताई कि ये जल्द ही जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे। उन्होंने सोमवार (2 अप्रैल) को कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमलोग पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर संवेदनशील हैं। हमने पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत की है। हम चाहते हैं कि जीएसटी काउंसिल जल्द ही इस पर फैसला ले। मुझे उम्मीद है कि पेट्रोलियम उत्पाद भी जल्द ही जीएसटी के दायरे में आ जाएंगा।’