क्या आप जानते हैं कि यहां पर चिता की राख से खेली जाती है होली, देखें वीडियो

होली का त्योहार देश-विदेश में बड़ी धूम-धाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल 1 मार्च को होलिका दहन और 2 मार्च को धूलंडी मनाई जा रही है । बरसाना में लट्ठमार होली देश-विदेश में प्रसिद्ध है वहीं यूपी के वाराणसी में चिता की राख से होली खेलने की पंरपरा है। यहां सदियों से चिता की राख से होली खेली जाती है। यहां मंगलवार 27 फरवरी को राख से होली खेली गई। जहां इस खास आयोजन में बनारस के लोगों, साधुओं के साथ विदेशी पर्यटकों ने हिस्सा लिया।

माना जाता है रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव गौना के लिए काशी आए थे। इसी खुशी में काशीवासी भगवान शिव के गणों के गुलाल से होली खेली थी। मान्यता है रंगभरी एकादशी के अगले दिन जब बाबा विश्वनाथ मां पार्वती का गौना करने के लिए आये थे तो उनके साथ भूत, प्रेत, पिशाच, किन्नर जीव जंतु आदि नहीं थे, जिनके लिए श्मशान पर चिताओं की भस्मी से होली खेले जाने की परंपरा को बनाया गया, जो पंरपरा आज भी जारी है।

 

 

 

मंगलवार को यहां शिवभक्तों और साधुओं ने सबसे पहले शिव के अंश माने जाने वाले बाबा मसाननाथ की पूजा की और उन्हें भांग, गांजा भोग लगाया। इस पूजन के बाद श्मशान किनारे 51 वाद्ययंत्रों की झंकार के बीच लोगों ने चिता की राख जस्म पर लगाकर होली खेली। इस दौरान महाश्मशान और गंगा तट हर हर महादेव नारों से गूंज उठा। वहीं विदेश पर्यटकों जलती हुई चिता के बीच इस अनोखे दृश्य का लुफ्त उठाया।

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