भारत और चीन ने मिलकर आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने का लिया फ़ैसला, अफगानिस्तान में होगी शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार(28 अप्रैल) को वुहान की पूर्वी झील के किनारे सैर किया। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने झील के किनारे चाय भी पी।इसके बाद उन्होंने हाउस बोट में बैठकर दोनों देशों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। झील पर चलने वाली यह डबल डेकर बोट थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल से चीन के दो दिवसीय दौरे पर हैं। यह अनौपचारिक दौरा है, जिसमें दोनों नेताओं के बीच न कोई घोषणा और न ही कोई साझा प्रेस कांफ्रेंस होगी। चार बार चीन के दौरे पर जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले मनमोहन सिंह तीन बार चीन जा चुके हैं।
#WATCH China: Prime Minister Narendra Modi & Chinese President Xi Jinping have tea after a walk along East Lake in Wuhan. pic.twitter.com/5BuROg31Cg
— ANI (@ANI) April 28, 2018
दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली मुलाकात हुबई म्यूजियम में हुई। शी जिनपिंग पहली बार प्रोटोकॉल तोड़कर किसी देश के प्रधानमंत्री से मिले। इसके पहले तक भारतीय प्रधानमंत्री की पहले चीन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति जिनपिंग से भेंट होती थी।करीब एक घंटा तक दोनों नेताओं ने म्यूजियम में बिताया। फिर डेलीगेशन स्तर पर बातचीत हुई।इस दौरान मोदी ने पंचशील सिद्वांत की नई व्याख्या देते हुए कहा कि हमारा देश भी इनसे प्रेरणा लेकर भारत के साथ सहयोग और काम करने को तैयार।
मुलाकात के बाद भारतीय विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत को और मजबूत करने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने संवाद मजबूत करने और विश्वास एवं आपसी समझ विकसित करने के लिए अपनी – अपनी सेना को रणनीतिक दिशा – निर्देश जारी करने पर भी राजी हुए। प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने आतंकवाद को दोनों देशों के लिए खतरा माना और इससे निपटने के लिए सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। भारत और चीन, अफगानिस्तान में साझा आर्थिक परियोजना भी शुरू करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चार साल में यह चौथा चीन दौरा है। दोनों नेताओं के बीच 6 मुलाकातें होनी है।