6 दिन की विदेश यात्रा पर पीएम मोदी, नॉर्डिक देशों के सम्मेलन लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार छह दिवसीय यात्रा पर स्वीडन और ब्रिटेन के लिए रवाना हुए। स्वीडन में वह नॉर्डिक देशों के सम्मेलन में और लंदन में राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेंगे। साथ ही, विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ शिखर वार्ताएं करेंगे। इन देशों के साथ वह व्यापार और निवेश सहित कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर देंगे। स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम पहुंचने पर वहां के प्रधानमंत्री स्टेफन लोफवेन प्रोटोकॉल तोड़कर हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी करने पहुंचेंगे। वह स्वदेश वापसी के दौरान 20 अप्रैल को बर्लिन में कुछ देर के लिए ठहरेंगे। 21 अप्रैल तक निर्धारित स्वीडन और ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एक बयान में कहा कि वे व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को लेकर आशान्वित हैं।

अपनी यात्रा के प्रथम पड़ाव में वह स्वीडन पहुंचेंगे। स्वीडन और लातविया में भारतीय राजदूत मोनिका कपिल मोहता ने बताया स्वीडन के प्रधानमंत्री पहली बार किसी राष्ट्राध्यक्ष की आगवानी करने हवाई अड्डे जाएंगे। मोदी वहां भारत-नॉर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत-नॉर्डिक सम्मेलन के इतर मोदी की डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी। डेनमार्क, फिनलैंड और स्वीडन यूरोपीय संघ में शामिल है, जबकि नॉर्वे और आइसलैंड यूरोपीय फ्यूचर एसोसिएशन का हिस्सा हैं। भारत इन देशों के साथ कौशल विकास, पर्यावरण, कोयला, बंदरगाह विकास के अलावा स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी और स्वच्छ गंगा में सहयोग करना चाहता है।

मोदी और स्वीडन के प्रधानमंत्री मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। मोदी ने कहा कि वे और लोफवेन दोनों देशों के शीर्ष कारोबारी नेताओं से संवाद करेंगे और व्यापार व निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा व स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की भावी रूपरेखा तैयार करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे स्वीडन के नरेश कार्ल सोलहवें गुस्ताफ से भी मिलेंगे। मोदी मंगलवार को ब्रिटेन जाएंगे, जहां वह अपनी ब्रिटिश समकक्ष थेरेसा मे के साथ द्विपक्षीय भेंटवार्ता के अलावा 53 राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक में हिस्सा लेंगे। मोदी ने कहा, ‘लंदन में मैं स्वास्थ्य, नवोन्मेष, डिजिटलीकरण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत ब्रिटेन साझेदारी बढ़ाने पर बल दूंगा।’ ब्रिटेन में निवेश करने में भारत का स्थान चौथा स्थान है और वहां रोजगार उत्पन्न करने में भी भारत अग्रणी है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां आयुर्वेद पर लगाई गई एक प्रदर्शनी को भी देखेंगे। वे 18 अप्रैल को लंदन में ‘भारत की बात, सबके साथ’ शीर्षक से एक परिचर्चा सत्र को संबोधित करेंगे।

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