भारत सरकार नेपल के जनकपुर धाम के विकास पर खर्च करेगी 100 करोड़ रुपये, पीएम मोदी का नेपाल से वादा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को यहां पहुंचे। उन्होंने जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की शुरुआत की। साथ ही, जनकपुर नगर के विकास पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया। मोदी का यह दौरा हिमालय क्षेत्र में भारत के पड़ोसी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। मोदी 2015 के बाद पहली बार नेपाल के दौरे पर हैं, जब भारत पर सीमा सील करने का इल्जाम लगाया गया था, जिससे नेपाल की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। खुद को तीर्थयात्री बताते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पड़ोसी पहले की अपनी नीति के तहत काठमांडू के साथ संबंधों को शीर्ष वरीयता दी है। उन्होंने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के साथ बातचीत की। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धताएं दोहराईं। मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत जनकपुर से की, जहां उन्होंने अपने नेपाली समकक्ष के.पी. शर्मा ओली के साथ राम जानकी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। बाद में दोनों नेताओं ने नेपाल और भारत में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए ‘रामायण सर्किट’ का उद्घाटन किया।
मोदी ने कहा, “इससे दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत रिश्ते की नींव पड़ेगी।” इस सर्किट 650 किलोमीटर की संपर्क योजना के निर्माण की मादी की परिकल्पना का हिस्सा है। मोदी ने ओली से कहा, “आपने यहां जिस तरीके से मेरा स्वागत किया, मैं उससे बहुत खुश हूं।” मोदी ने ओली से कहा, “मेरे भाई, यह स्वागत सभी भारतीयों का सम्मान है।” वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह मोदी का तीसरा नेपाल दौरा है। बस सेवा का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा, “रामायण सर्किट पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायता करेगा। यह दोनों देशों में लोगों के बीच संबंधों की मजबूत नींव बनाने का काम करेगा।” यह सर्किट मोदी के 650 किलोमीटर संपर्क परियोजना बनाने का हिस्सा है। इस मौके पर ओली ने कहा कि बस सेवा लोगों के बीच संपर्क बढ़ाएगी।
मोदी ने अपने इस दौरे को प्रधानमंत्री का दौरा कहने के बजाय एक तीर्थयात्री की तीर्थयात्रा बताया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्मान में शहर के रंगभूमि मैदान में आयोजित अभिनंदन समारोह में हिस्सा लिया। यहां हजारों लोग मौजूद रहे। मोदी को 121 किलो वजन की फूलों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया। सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “जानकीधाम के बगैर अयोध्या अधूरी है। इसी तरह भारत के बगैर नेपाल अधूरा है और भारत नेपाल के बगैर अधूरा है। हमारे संबंध धार्मिक हैं, जो गहरे विश्वास व इतिहास पर आधारित हैं व एक-दूसरे के पूरक हैं।” मोदी ने कहा कि रामायण सर्किट में जनकपुर जुड़ेगा, जबकि लुम्बिनी बौद्ध सर्किट में शामिल होगा। उन्होंने मैथिली में कहा, “हमरा लोकनिक संबंधक कोई परिभाषा नहि अछि, मुदा ई भाषा पर आधारित अछि (हमारे संबंधों की कोई परिभाषा नहीं है, लेकिन ये भाषा पर आधारित हैं)।” उन्होंने बाद में नेपाली भाषा में कहा, जिसका आशय है, “हमारे संबंध कूटनीति, रणनीति व राजनीति से पहले हैं। यह देवनीति है.. सरकार में बदलाव मायने नहीं रखता। हमारे संबंध एक सामान बने रहेंगे।”
मोदी ने नेपाल व भारत के बीच संबंधों की व्याख्या के लिए रामचरितमानस की एक छोटी सी चौपाई पढ़ी। उन्होंने कहा, “भारत, नेपाल से संपर्क परियोजनाओं जैसे- रेल, जमीन व जलमार्गो से जुड़ना चाहता है। हम नेपाल को गैस पाइपलाइन के जरिए जोड़ रहे हैं ..हम सीमा पार ट्रांसमिशन लाइन के विकास पर भी काम कर रहे हैं।” मोदी ने नागरिक अभिनंदन में भाग लेने के बाद प्रांत संख्या 2 व जनकपुर इलाके के विकास के लिए एक अरब रुपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नेपाल की केंद्रीय व प्रांतीय सरकारें परियोजनाओं का चयन करेंगी और इसका क्रियान्वयन करेंगी। संघीय सरकार के मंत्री ईश्वर पोखरेल, हिरिराज मणि पोखरेल व मत्रिका यादव इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।