बिम्सटेक सम्मेलन में पीएम मोदी ने सदस्य देशों को आतंक के खिलाफ साथ मिलकर काम करने की बताई जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत क्षेत्रीय संपर्क सुविधाओं के विस्तार और आतंकवाद, साइबर अपराध, साइबर जासूसी व मादक द्रव्यों की तस्करी रोकने के लिए बिम्सटेक क्षेत्रीय समूह के सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। नेपाल के काठमांडो में आयोजित दो दिवसीय ‘बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनामिक को-ऑपरेशन’ (बिम्सटेक) की बैठक उद्घाटन सत्र में उन्होंने मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में सदस्य देशों के बीच सहयोग और समन्वय का भी आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय ने इस सम्मेलन में मोदी के भाषण का ब्योरा जारी किया है। इस सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने किया। नेपाल इस दफा बिम्सटेक का अध्यक्ष देश है। उद्घाटन सत्र के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी, वहां के प्रधानमंत्री, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत विभिन्न देशों के राजनेताओं के साथ मुलाकात की। सम्मेलन के मौके पर अपने भाषण में मोदी ने आतंकवाद, डिजिटल कनेक्टिविटी, संस्कृति, कला और अन्य मुद्दों पर बात रखी। बिम्सटेक देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि भारत की नीति ‘पड़ोसी प्रथम’ की रही है। प्राकृतिक आपदाओं पर बात करते हुए मोदी ने कहा कि हिमालय और बंगाल की खाड़ी से जुड़े हमारे देश बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते रहते हैं। इस संदर्भ में सभी देशों को बचाव और राहत कार्य में एक-दूसरे के साथ खड़ा होना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी देशों का सहयोग और समन्वय बहुत आवश्यक है। उन्होंने एलान किया कि अगस्त 2020 में भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन की मेजबानी करेगा। मोदी ने कहा, मैं सभी बिम्सटेक सदस्य देशों को इस अवसर पर सम्माननीय अतिथि के रूप में भागीदारी का निमंत्रण देता हूं। सभी बिम्सटेक देश अक्तूबर में दिल्ली में होने वाली मोबाइल कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में कला, संस्कृति, सामुद्रिक कानूनों और अन्य विषयों पर शोध के लिए नालंदा विश्वविद्यालय में एक ‘सेंटर फॉर बे ऑफ बंगाल स्टडीज’ की स्थापना भी की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्षेत्र में कोई ऐसा देश नहीं है जो आतंकवाद और सीमापारीय-राष्ट्रीय अपराध का शिकार नहीं बना हो। आतंकवाद के नेटवर्क से मादक द्रव्य की तस्करी जैसे अपराध भी जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बिम्सटेक की रूपरेखा के तहत मादक द्रव्य जैसे विषयों पर सम्मेलन की मेजबानी करने को तैयार है। बिम्सटेक संगठन भारत, बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल जैसे देशों का क्षेत्रीय समूह है। वैश्विक आबादी में इस समूह का हिस्सा 22 फीसद है। समूह का सामूहिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2,800 अरब डॉलर है। मोदी ने कहा, हमारे न केवल सभी बिम्सटेक देशों के साथ राजनयिक संबंध हैं, बल्कि हम सभ्यता, इतिहास, कला, भाषा, व्यंजन और साझा संस्कृति के जरिए एक दूसरे से मजबूती से जुड़े हैं। उन्होंने बिम्सटेक महिला सांसदों के लिए विशेष फोरम की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा। साथ ही बिमस्टेक युवा सम्मेलन और बैंक सम्मेलन शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि दो दशकों में बिम्सटेक देशों का शिक्षा और विकास पर सहयोग भी जरूरी है। गौरतलब है कि बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में स्थित दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग स्थापित करना है। भारत की पूर्वी देशों और पड़ोसी देशों को लेकर जो नीतियां हैं, उनके मद्देनजर बिम्सटेक भारत के लिए महत्त्वपूर्ण है। गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन होने के दो साल बाद काठमांडू में आयोजित इस सम्मेलन में समूह के सदस्य देशों के नेता मिल रहे हैं।