दशहरा उत्‍सव: पीएम नरेंद्र मोदी ने किया राम-लक्ष्‍मण का तिलक, राष्‍ट्रपति ने सुनाया रामायण का प्रसंग

देशभर में 30 सितंबर को ‘असत्‍य पर सत्‍य की विजय’ का प्रतीक पर्व विजयादशमी धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिल्‍ली में लाल किला प्रांगण में आयोजित रावण-दहन कार्यक्रम में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। राष्‍ट्रपति ने इस मौके पर एक प्रसंग भी सुनाया, ”जिस समय राम सेतु का निर्माण चल रहा था। हनुमान जी के नेतृत्‍व में सब सहयोगी लगे थे। उसी समय वहां पर कुछ गिलहरियां प्रभु राम के पास आती हैं और कहती हैं कि सेतु के निर्माण का कार्य राष्‍ट्र के निर्माण का कार्य है और हम भी योगदान देना चाहते हैं। प्रभु राम प्रसन्‍न हुए और उन्‍हें अनुमति दे दी। इस पर हनुमान ने कहा कि प्रभु ये गिलहरियां निर्माण में बाधक हैं क्‍योंकि हमें ये ध्‍यान रखना पड़ता है कि वे हमारे पैरों के नीचे न आ जाएं। इस पर गिलहरियों ने कहा कि जब आपने पूरी वानर सेना को प्रेरणा थी कि ये राष्‍ट्र का निर्माण है। इसलिए हम लोगों ने यह निर्णय लिया कि हम भी इसमें योगदान देंगे। ऐसा जवाब सुनकर सब लोग दंग रह गए। इससे यह संदेश मिलता है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ”उत्सव एक प्रकार से सामाजिक शिक्षा का माध्यम है। हमारे हर उत्सव के साथ समाज को सामूहिकता की तरफ ले जाना, हमारे उत्सवों की परंपरा है। हजारों साल हो गए है लेकिन प्रभु श्री राम, श्री कृष्णा की गाथाएं समाज को नव चेतना देती रही है। ऐसे उत्‍सव से सिर्फ मनोरंजन नहीं कोई मकसद बनना चाहिए, कुछ कर गुजरने का संकल्‍प बनना चाहिए।”

अपने-अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने प्रतीक रूप से रावण पर बाण चलाया और बुराई के प्रतीक का दहन कर दिया गया।

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