संविधान सभा में RSS-VHP को लेकर जब मोदी ने कही थी यह बात, यूजर्स बोले- PM ने पहली बार बोला सच

1947 की संविधान सभा में कौन सबसे पढ़े-लिखे लोग थे। यह बात पीएम ने अपने पुराने इंटरव्यू में कही थी। वह तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा था कि संविधान सभा में तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से एक भी सदस्य नहीं था। हाल में उस इंटरव्यू की क्लिप सोशल मीडिया पर क्या आई, ट्विटर पर लोग मौज लेने लगे। लोग पूछने लगे कि यह कौन से जन्म का बयान है। वहीं, एक ने लिखा कि उन्होंने जिंदगी में यह पहला सच बोला है।

मंगलवार को ‘हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ नाम के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया था, जिसमें पूछा गया था- 1947 की संविधान सभा में संविधान सभा में सबसे पढ़े-लिखे और स्कॉलर सदस्या कौन थे? इसके साथ में एक वीडियो क्लिप भी अटैच थी, जो पीएम के उसी पुराने इंटरव्यू का हिस्सा था। 19 सेकेंड की क्लिप में उन्होंने कहा था- “देश की संविधान सभा में एक भी आएसएस और वीएचपी वाला नहीं था। गांधीवादी विचारधारा, स्कॉलर और पढ़े लिखे लोग थे, जिन्होंने संविधान बनाया था।”

1947 की संविधान सभा में तब देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, देश के पहले उपराष्ट्रपति सरदार वल्लभ भाई पटेल, संविधान के निर्माता और दलितों के मसीहा भीमराव अंडेबकर, मुस्लिम विद्वान मौलाना अबुल कलाम आजाद, वकील, लेखक और राजनेता सी राजागोपालाचारी सरीखे कई लोग शामिल थे।

लोगों ने जैसे ही पीएम की ये बातें सुनीं। वे सोशल मीडिया पर इसका मजाक बनाने लगे। किसी ने लिखा कि चलो पीएम ने यह स्वीकारा कि कम से कम आरएसएस इतनी काबिल नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *