PNB घोटाला: छह देशों में जब्त होगी नीरव मोदी की संपत्ति, कोर्ट ने जारी किया एलआर
हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को छह देशों को लेटर ऑफ रोगेटरी (एलआर) जारी करने का अदेश दे दिया है। बता दें कि एलआर एक देश की अदालत द्वारा दूसरे देश की अदालत को भेजा जाता है, जिसके तहत आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया जाता है। लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर की दलील सुनने के बाद जज एमएस आजमी ने सोमवार (26 फरवरी) को आदेश जारी किया। इससे पहले ईडी ने मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर एलआर जारी करने का अनुरोध किया था। जांच एजेंसी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि एलआर जारी होने के बाद ही विदेशों में स्थित आरोपी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद ईडी अब हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर को एलआर भेजेगा। नीरव मोदी ने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिये पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस मामले में नीरव मोदी के मामा और गीतांजलि जूलर्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी भी आरोपी हैं। दोनों देश छोड़ चुके हैं।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी ने डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टीलर डायमंड और फायरस्टार डायमंड जैसी कंपनियां गठित की हैं। इन कंपनियों के जरिये वह विभिन्न देशों में हीरों का कारोबार करता है। दूसरी तरफ, एजेंसी ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों से जुड़े 10 एग्जीक्यूटिव के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। बता दें कि PNB में सात साल पहले से ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर एलओयू जारी कराए जा रहे थे। इस घोटाले में PNB के पूर्व कर्मचारी के अलावा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा नीरव और मेहुल के कई ठिकानों और स्टोर पर छापे मार कर हजारों करोड़ की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि देश के बैंकों से बड़े पैमाने पर कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने वालों पर शिकंजा कसने के लिए मोदी सरकार कड़ा कानून बनाने की तैयारी में है। प्रस्तावित कानून के तहत आर्थिक अपराध कर देश से भागने वाले लोगों की संपत्ति को जब्त कर ली जाएगी, जब तक कि वे कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हो जाते। फिलहाल यह बिल पब्लिक डोमेन में है और इस पर लोगों से राय ली जा रही है। प्रस्तावित कानून के मुताबिक ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ का अर्थ उस व्यक्ति से होगा, जिसके खिलाफ आर्थिक अपराध में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ हो।