PNB घोटाला: नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
मुंबई की एक अदालत ने पीएनबी घोटाले के फरार आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने इन दोनों के खिलाफ गैर जमानती वांरट की मांग की थी। ED ने कहा था कि ये दोनों जांच एजेंसी के समक्ष हाजिर नहीं हुए थे हालांकि इन्हें कई समन भेजा गया था। ED के मुताबिक नीरव मोदी को ई मेल के जरिये 3 समन भेजा गया था। नीरव मोदी ने ई मेल के जरिये ही जवाब भेजा था और कहा था कि विदेशों में उसके बिजनेस हैं और वह ED से ई मेल के जरिये ही संवाद स्थापित करना चाहेगा। नीरव मोदी ने भारत में अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी। बता दें कि सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद ED ने भी शिकायत दर्ज कराई और कहा कि नीरव मोदी की कंपनी को पंजाब नेशनल बैंक द्वारा नियमों का उल्लंघन कर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (साख पत्र) जारी किया गया।
इस बीच सीबीआई ने शुक्रवार को एक और गिरफ्तार शख्स को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया। इस शख्स का नाम विशुव्रत मिश्रा है और वह पंजाब नेशनल बैंक का इंटर्नल चीफ ऑडिटर है। अदालत ने इस शख्स को 14 मार्च तक सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया है। मिश्रा इस केस में गिरफ्तार किया जाने वाला 14 व्यक्ति है। अबतक सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी के 8 अधिकारियों को और नीरव मोदी, मेहुल चोकसी की कंपनी से छुड़े 6 लोगों को 11 हजार 400 करोड़ रुपये के इस घोटाले में गिरफ्तार किया है। विशुव्रत मिश्रा पंजाब नेशनल बैंक के ब्रैडी हाउस ब्रांच में बतौर इंटर्नल चीफ ऑडिटर 2011 से 2015 तक काम कर चुका है। इसी के कार्यकाल के दौरान 100 से ज्यादा लेटर ऑफ अंडरटेकिंग पीएनबी के पूर्व अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी द्वारा जारी किये गये थे। गोकुलनाथ शेट्टी पीएनबी का डिप्टी मैनेजर रह चुका है और वह इस केस का अहम आरोपी है।