PoK राष्‍ट्रपति के बगल में बिठाए गए नवजोत सिंह सिद्धू, ट्विटर पर मचा बवाल

पाकिस्तान तहरीक-ए इंसानफ पार्टी (PTI) के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार (18 अगस्त, 2018) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इमराम खान को इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में कई मशहूर हस्तियां मौजूद थीं। इस दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भी समारोह में मौजूद रहे। नवजोत सिंह सिद्धू को शपथ ग्रहण समारोह में जो सीट दी गई उसे लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। नवजोत सिंह सिद्धू को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के राष्‍ट्रपति मसूद खान की बगल में बिठाया गया। इस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है और ट्विटर पर बवाल मच गया है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने इस ममाले को लेकर कहा, “वह एक जिम्मेदार नेता हैं। इसका जवाब सिर्फ वही दे सकते हैं लेकिन वह इसे टाल भी सकते थे।”

पत्रकार स्मिता प्रकाश ने इस मामले को लेकर अपने ट्विटर हैंडल(@smitaprakash) से ट्वीट किया, “लानत सिद्धू साहब लानत. आपको जान – बूझकर PoK के राष्‍ट्रपति मसूद खान की बगल में बैठाया गया और आपने इस पर आपत्ति भी नहीं जताई। किस मुंह से अपने मुल्क के लोगों को जवाब दोगे।” ऐसे ही सिद्धू के पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से भी गर्मजोशी के साथ मिलने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। ट्विटर पर उनकी काफी आलोचना हो रही है। ट्विटर यूजर शिव अरूर ने अपने ट्विटर हैंडल(@ShivAroor) पर लिखा, “मैं शर्त लगाता हूं @RahulGandhi ट्वीट कर सिद्धू की आलोचना करेंगे। पाकिस्तान के आर्मी चीफ को ऐसे मौके पर गले लगाना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है।” पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर बाजवा ने गले मिलकर उनका स्वागत किया।

इमरान खान ने पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और कपिल देव को भी अपने शपथ ग्रहण समारोह का न्योता भेजा था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए। सिर्फ सिद्धू ही पाकिस्तान गए। सिद्धू वाघा बॉर्डर के जरिए लाहौर गए और फिर इस्लामाबाद पहुंचे। बता दें पाकिस्तान में 15वीं नेशनल असेंबली के लिए 25 जुलाई को मतदान हुए थे और परिणाम अगले दिन घोषित किया गया। चुनाव में इमरान खान की पार्टी 116 सीटों के साथ पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को क्रमश: 64 और 43 सीटें मिले। हालांकि, इमरान खान के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं था क्योंकि संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में कुल 172 वोटों की आवश्यकता थी।

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