बिहार के बौद्ध चिंतन केंद्र प्रमुख को पुलिस ने बच्चों के यौन शोषण के आरोप ने किया गिरफ्तार
बिहार के बोधगया में बौद्ध चिंतन केंद्र के प्रमुख को पुलिस ने बुधवार (29 अगस्त) को गिरफ्तार कर लिया। केंद्र प्रमुख पर असमिया मूल के दर्जन भर से ज्यादा नाबालिग बच्चों के यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। ये सभी बच्चे यहां रहकर शिक्षा प्राप्त करने आए थे। पीड़ित बच्चों की उम्र छह से 12 साल के बीच की है। आरोपी मठ प्रमुख का नाम भंते संघ प्रिय सुजोय है। बोधगया के एसएसपी राजीव कुमार ने मीडिया को बताया कि इस संबंध में बच्चों और उनके परिजनों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने परिजनों से शिकायत मिलते ही मस्तीपुर गांव से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मठ प्रमुख भी असम का ही रहने वाला है।
मीडीया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने इस संबंध में पीड़ित बच्चों के अलावा उनके परिजनों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस ने बौद्ध स्कूल प्रसन्न ज्योति बौद्ध प्रारंभिक विद्यालय और ध्यान केंद्र को चलाने वाले एनजीओ प्रसन्न सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि अगर किसी किस्म की धोखाधड़ी मिलती है तो ट्रस्ट के सभी सदस्यों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। बच्चों ने पुलिस को बताया कि संघ प्रिय सुजोय, उन्हें अपने बेडरूम में बुलाता था और यौन उत्पीड़न किया करता था। उन्होंने ये भी कहा कि उनके साथ मारपीट भी की जाती थी अगर वह उनके साथ यौन उत्पीड़न में सहयोग करने से इंकार कर देती थी। ये सभी बच्चे इस केंद्र में एक साल से ज्यादा वक्त से अध्ययन कर रहे थे।
बच्चों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अपने शरीर पर चोट के निशान भी दिखाए। अधिकारियों ने निजी तौर पर बच्चों से शिकायत दर्ज करवाने के बाद बात की थी। बच्चे असम के करबी अंगलोंग जिले के रहने वाले थे। उनके परिजन उसी गांव से फोन से सूचना मिलने के बाद बोधगया आए थे। परिजनों ने पुलिस से कहा कि मठ के प्रमुख को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। एसएसपी ने मीडिया से कहा कि पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान करवाने से पहले उनका मेडिकल परीक्षण भी करवाया है। उन्होंने बताया कि सभी 15 बच्चों और उनके परिजनों को पुलिस सुरक्षा में विष्णुपद तीर्थ के नजदीक बने असम भवन में रखवाया गया है।