सड़क के किनारे लेटना क्या इतना बड़ा अपराध कि पुलिस ने दिव्यांग को पीटा, घसीटा, लात मार कर लुढ़काया
पुलिस वाले जनता के रक्षक माने जाते हैं, लेकिन कभी-कभी यही रक्षक कुछ असहाय लोगों से ऐसा अमानवीय व्यवहार करते हैं जिससे इन्हें भक्षक कहना गलत नहीं होगा। हाल ही में झारखंड के जमशेदपुर के कुछ पुलिस वालों ने एक मानसिक रूप से कमजोर दिव्यांग के साथ संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी। दिव्यांग आदमी की गलती सिर्फ इतनी थी कि वह सड़क किनारे लेटा हुआ था। पुलिस वालों की नजर जैसे ही दिव्यांग आदमी पर पड़ी, उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने दिव्यांग को किस तरह बेरहमी से पीटा है, उसकी गवाह हैं ये तस्वीरें। न्यूज एजेंसी एएनआई ने दिव्यांग की ये तस्वीरें ट्विटर पर जारी की हैं, जो अब सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं।
बता दें कि दिव्यांग आदमी जमशेदपुर के जुबली पार्क के किनारे की सड़क पर लेटा हुआ था। जहां से पुलिस वाले पीसीआए में आए और उसे वहां से उसे हटाने के लिए डंडे से प्रहार किया और घसीटने लगे।
पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने दिव्यांग को पैर से धक्का दिया। ऐसे में, अपने बुरे बर्ताव को लेकर झारखंड पुलिस निशाने पर आ गई है।
दिव्यांग को सड़क से हटाने वाला ए प्रसाद जमशेदपुर में एएसआई है। उसने एएनआई को बताया कि हमें सूचना मिली थी कि एक मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति एक कार पर पत्थर फेंक रहा है। मैंने उसे डंडे से मारा नहीं, बस वहां से भगाने के लिए डंडा दिखाया।
हालांकि, ये तस्वीरें कुछ और ही सच बयां कर रही हैं।