दिल्ली में कुछ लोग सरेराह पुलिसवालों को दौड़ाकर पीटते रहे और लोग बनाते रहे वीडियो
देश की राजधानी दिल्ली में सरेराह पुलिसवालों को दौड़ा कर पीटने का मामले सामने आया है। पुलिसकर्मियों की पिटाई के समय लोग तमाशा देखते रहे। किसी ने भी उन्हें इस दौरान बचाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाया। उल्टा लोग उनके पिटाई के वीडियो की क्लिप बनाने में जुटे थे। यह मामला पूर्वी दिल्ली में कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के पास का है। हुआ यूं कि रविवार (11 मार्च) को एएसआई राजेश गौड़ (50) और हेडकांस्टेबल पुरुषोत्तम की ड्यूटी कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के बाहर पिकेट पर लगाई गई थी। ये दोनों पुलिसकर्मी आनंद विहार थाने में तैनात हैं। वे दोनों पिकेट के पास खड़े होकर गाड़ियों की चेकिंग में जुटे थे। अचानक मेट्रो के पास कुछ लड़के एक युवक की पिटाई कर रहे थे। झगड़ा होते देखकर गौड़ वहां बीच-बचाव करने के लिए पहुंचे। उन्होंने वहां पर लड़कों को समझाया और वापस लौट जाने के लिए कहा। उन्हीं में से एक लड़के (प्रतीक) ने उन्हें धमकी दी थी। इतना ही नहीं, उस लड़के ने पुलिसकर्मी से कहा, “मैं तुम्हें देख लूंगा।” यह बात बोल कर वह उस वक्त वहां से चला गया।
थोड़ी देर बाद प्रतीक उसी पिकेट के पास पहुंचा। लेकिन इस बार वह अकेला नहीं था। उसके साथ कुछ और लोग भी थे, जिनके साथ वह गौड़ से उलझ गया। वे सभी लड़के इस दौरान पुलिसकर्मी को पीट रहे थे। चूंकि प्रतीक ने पुलिसकर्मी से बदला लेने की बात कही थी। पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों को वे दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे थे। पूरे हंगामे के दौरान आसपास अफरा-तफरी का माहौल पनप गया था। लोग घटनास्थल पर एकजुट हो गए थे। वे पुलिस वालों को मार खाते देख रहे थे और वीडियो बना रहे थे। भीड़ में से किसी ने भी उन्हें बचाने के बारे में नहीं सोचा।
हालांकि, मामले की जानकारी तत्काल पीसीआर तक पहुंचा दी गई थी। हंगामा करने वालों को जैसे ही मालूम पड़ा कि अन्य पुलिसकर्मी आ रहे हैं, वे मौके से फरार हो गए। पुलिस ने इसी दौरान हंगामा काटने वालों में से एक शख्स को धर दबोचा। आरोपी की शिनाख्त प्रतीक के तौर पर हुई है। वह कड़कड़डूमा में रहता है। पुलिस फिलहाल उसके साथी सिद्धार्थ, चिराग और धर्मवीर की तलाश में जुटी है।