पहले चेताया, अब एक्शन की तैयारी, ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर फर्जी रिव्यू डालने वालों के लिए बुरी खबर,

ऑनलाइन शॉपिंग करते समय ग्राहक हमेशा रिव्यू जरूर पढ़ते हैं ताकि उस प्रोडक्ट के बारे में अन्य लोगों की राय मिल सके. लेकिन, ई-कॉमर्स साइट पर कभी-कभी फर्जी रिव्यू भी डाल दिए जाते हैं जिनमें अच्छी-अच्छी बातें लिखी होती हैं. लेकिन, अब सरकार फेक रिव्यू को रोकने के लिए बड़ी तैयारी कर रही है. इस कड़ी में सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए कंज्यूमर रिव्यू के गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि फर्जी समीक्षाओं पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया जाएगा. स्वैच्छिक प्रयास विफल होने के बाद सरकार ने यह फैसला किया है.

सरकार ने एक साल पहले ई-विक्रेताओं के लिए नए गुणवत्ता मानदंड जारी किए थे, जिसमें उन्हें भुगतान आधारित समीक्षा प्रकाशित करने से रोक दिया गया था. यह भी कहा गया कि ऐसी प्रचार सामग्री के बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाए.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा कि इसके बावजूद ई-कॉमर्स मंच पर उत्पादों और सेवाओं की फर्जी समीक्षाएं अब भी सामने आ रही हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ऑनलाइन समीक्षाओं पर स्वैच्छिक मानक को अधिसूचित हुए एक साल से अधिक समय हो गया है. कुछ संस्थाएं दावा करती हैं कि वे इसका अनुपालन कर रही हैं. हालांकि, फर्जी समीक्षाएं अब भी प्रकाशित हो रही हैं.’’ खरे ने कहा, ‘‘उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए, अब हम इन मानकों को अनिवार्य बनाना चाहते हैं.’’

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने प्रस्तावित कदम पर चर्चा के लिए 15 मई को ई-कॉमर्स कंपनियों और उपभोक्ता संगठनों के साथ एक बैठक निर्धारित की है. मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने नवंबर, 2022 में ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षा के लिए नया मानक जारी किया था. इसके तहत प्रायोजित समीक्षा पर रोक लगा दी गई थी.पीटीआई.