स्कूली छात्राओं ने बीएसएफ के जवानों पर छेड़खानी करने का लगाया आरोप, स्कूल प्रिंसिपल ने पुलिस से की कारवाई की माँग

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के बांदे थाने से चौंकाने वाली खबर आई है। यहां स्कूली छात्राओं ने बीएसएफ के जवानों पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया है। स्कूल के प्रिंसिपल ने बांदे थाने में लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। छात्राओं की शिकायत का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। जांच करने पहुंचे अफसरों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। छात्राओं ने कहा कि जब से स्कूल के पास कैंप लगा है, तब से उन्हें जवानों की फब्तियां सुननीं पड़ रहीं हैं। लिहाजा कैंप हटना चाहिए। इससे पहले भी कई बार शिकायत हुई मगर अफसरों ने सिर्फ आश्वासन दिया, कार्रवाई नहीं की।

 

प्रधानाचार्य ने स्कूल के पास से बीएसएफ कैंप हटाने की मांग करते हुए कहा है कि कार्रवाई न होने पर भविष्य में गंभीर घटना हो सकती है। प्रिसिपल ने बांदे थाना प्रभारी को दिए लिखित शिकायत में कहा है कि, ‘बीएसएफ के कुछ जवानों द्वारा स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकत की सूचना लगातार स्कूल प्रबंधन को मिल रही है। जिसके कारण स्कूली छात्राएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहीं हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल से लगे हुए बीएसएफ कैंप को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कार्रवाई करने का कष्ट करें।’ बचाया जाता है कि छह महीने पहले एक जवान ने स्कूल की एक छात्रा को मोबाइल नंबर देकर बात करने को कहा था।

छात्रा की शिकायत के बाद अधिकारियों ने जवान के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया मगर कुछ हुआ नहीं। हालांकि उस समय मामला गरमा जाने के कारण कुछ समय तक छेड़खानी की घटनाएं थम गईं थीं, लेकिन बाद में फिर से पुराना सिलसिला शुरू हो गया। स्कूली छात्राएं ही नहीं आसपास की महिलाओं पर भी जवान कमेंट करते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक जवान नकाब पहनकर अश्लील इशारे और कमेंट किए जाते हैं, जिससे उनकी पहचान संभव नहीं हो पाती। आरोप है कि बीएसएफ के जवान स्कूल परिसर में घुसने के बहाने खोजते हैं। हेलीकॉप्टर स्कूल के मैदान में जब उतरते हैं तो जवान सुरक्षा के बहाने स्कूल के कमरों में एंट्री की कोशिश करते हैं। स्कूल की खिड़कियों की तरफ से छात्राओं को अश्लील इशारे करते हैं। एसपी कांकेर केएल ध्रुव ने बताया जवानों द्वारा छात्राओं को कमेंट करने की शिकायत मिली है। इस मामले में उचित कार्रवाई होगी।

 

 

 

 

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