टैगोर पर फिल्म बनाने के प्रियंका चोपड़ा के प्रोजेक्ट को झटका, नहीं मिली शूटिंग की इजाजत
विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने प्रियंका चोपड़ा को एक बड़ा झटका दिया है। इस यूनिवर्सिटी ने प्रियंका चोपड़ा प्रोडक्शन की एक फिल्म नलिनी को कैंपस में शूट करने की परमिशन रद्द कर दी है। ये फिल्म रबींद्रनाथ टैगोर और एक मराठी लड़की को केंद्र में रखकर बनाई गई है। इस यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर सबुज कोली सेन ने कहा कि हमने कई अथॉरिटीज़ से इस बारे में सलाह मश्विरा किया है जिनमें रंबीद्रनाथ टैगोर के ऊपर कुछ विशेषज्ञ भी शामिल हैं। हम ऐसी फिल्मों को कैंपस में शूट करने की इजाजत नहीं दे सकते। ये कई लाख लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ होगा। ये एक एजुकेशनल संस्थान है। हम कमर्शियल फिल्मों की शूटिंग के चलते अपने संस्थान का माहौल खराब नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि ये फिल्म रबींद्र नाथ टैगोर की जिंदगी के शुरूआती जीवन के बारे में है, 1878-79 का वो दौर जब टैगोर करीब 17 साल के थे। फिल्म के निर्देशक उज्ज्वल चटर्जी यूनिवर्सिटी के इस फैसले से नाराज है। उन्होंने कहा कि फिल्म टैगोर और अन्नापूर्णा तुरखड के रिश्तों पर केंद्रित है। उस दौर में अन्नापूर्णा और टैगोर के परिवार के बीच दोस्ती थी और टैगोर को यूके जाने से पहले अन्नापूर्णा ने वेस्टर्न मैनर्स सिखाए थे और रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसी शख्सियत के चलते ही हम लोगों ने इस फिल्म के लिए खासी रिसर्च भी की है।
चटर्जी ने दावा किया कि पूर्व वाइस चांसलर स्वप्न कुमार दत्ता ने उन्हें जनवरी में कैंपस में शूट की इज़ाजत दी थी और शूटिंग के लिए परमिशन न मिलने पर अब वे ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट का रूख करेंगे। यूनिवर्सिटी की चांसलर के फिल्म को कमर्शियल कहे जाने के जवाब में चटर्जी ने कहा कि हर फिल्म का एक कमर्शियल पहलू होता है। लेकिन नलिनी जैसी फिल्में एक आर्टिस्टिक फील लिए हुए होती हैं जिनमें इतिहास के एक अध्याय को पर्दे पर उतारने की मंशा होती है। हम इस मामले को केंद्र सरकार के सामने पेश करेंगे और पूर्व वाइस चांसलर से हुई बात को भी साझा करेंगे।