पद्मावत बैन की मांग के साथ पेट्रोल लेकर 350 फीट ऊंचे टावर पर चढ़ा करणी सेना का कार्यकर्ता, लोग बोले- ऊपर ही बैठे रहने दो
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान में इस फिल्म को लेकर कई इलाकों में विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य के मेवाड़ क्षेत्र में आने वाले भीलवाड़ा में ‘पद्मावत’ के विरोध में एक युवक रविवार को (21 जनवरी) को तकरीबन 350 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। वह अपने साथ एक बोतल पेट्रोल भी ले गया है। टावर पर चढ़े युवक को करणी सेना का पदाधिकारी बताया जा रहा है। युवक बॉलीवुड फिल्म को देश भर में प्रतिबंधित करने की मांग कर रहा है। राज्स्थान के अलावा हरियाणा, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी पद्मावत का विरोध किया जा रहा है। फिल्म का नाम बदलने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विरोध-प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं।
युवक की पहचान उपेन्द्र सिंह के तौर पर की गई है। उसके टावर पर चढ़ने की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। टावर के नीचे भीड़ लग गई और आग्रह के बाद भी उपेंद्र टावर से उतरने को तैयार नहीं है। घटना की जानकारी मिलने के बाद करणी सेना के कार्यकर्ता भी बीएसएनएल कार्यालय में बड़ी संख्या में जमा हो गए। दूसरी तरफ, जयपुर में भी करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया। सोशल नेटवर्किंग साइट पर उपेंद्र के कारनामे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्ती की गई है। कोमल ने ट्वीट किया, ‘ऊपर ही बैठे रहने दो।’ अभिषेक ने लिखा, ‘नहीं उसको नीचे उतार कर जबरन किसी थिएटर में रस्सी से बांध कर पद्मावत दिखाओ।’ सानिया सैय्यद ने ट्वीट किया, ‘किसी को भी उसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उसे वहां 24 घंटों तक रहने दो। खुद नीचे आ जाएगा।’
फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज रोकने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश की ओर से दी गई पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। दोनों राज्यों की मांग है कि इस फिल्म को रिलीज करने के फैसले पर तुरंत रोक लगाई जाए क्योंकि इससे कानून व्यवस्था भंग हो सकती है। इससे पहले राजस्थान ने फिल्म को ‘संस्कृति पर चोट’ बताया था। आपको बता दें कि करणी सेना के नेताओं के साथ एक बैठक के बाद राजस्थान के गृह मंत्री ने जनता की भावनओं का ध्यान रखने की बात कही थी। वहीं, मध्य प्रदेश की तरफ से कहा गया है कि अगर कानून व्यवस्था की दिक्कत आती है तो राज्य सरकार को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अधिकार दिया जाए क्योंकि फिल्म से शांति भंग होने की आशंका है। सेंसर बोर्ड ने टाइटल में बदलाव और काट-छांट के बाद पद्मावत को हरी झंडी दी थी।