जब राहुल ने शेरो-शायरी के सहारे साधा मोदी सरकार पर निशाना

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (13 अक्‍टूबर) को केंद्र सरकार पर शायरी के जरिए निशाना साधा। ग्‍लोबल हंगर इंडेक्‍स में 119 देशों की सूची में से 100वें पायदान पर फिसलने की खबर को शेयर करते हुए राहुल ने ‘दुष्‍यंत कुमार’ का एक शेर लिखा। राहुल ने ट्वीट किया, ”भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ, आजकल दिल्ली में है जेरे-बहस ये मुद्दआ” भारत की हालत इस सूची में उत्‍तर कोरिया, बांग्‍लादेश और इराक जैसे देशों से भी घटिया है। पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान इस सूची में भारत से नीचे हैं। 2014 में इस सूची में भारत 55वें पायदान पर था। यानी तीन साल में 45 पायदान की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि रैंकिंग का फॉर्मूला 2015 में बदल दिया गया था। राहुल गांधी ने इसी रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार पर तंज कसा। कांग्रेस उपाध्‍यक्ष गुजरात चुनाव के मद्देनजर लगातार भारतीय जनता पार्टी व केंद्र पर हमलावर हैं। हाल ही में राहुल गांधी तीन दिन के गुजरात दौरे से लौटे हैं। उन्होंने इससे पहले गुजरात के सौराष्ट्र में 25 से 27 सितंबर के बीच तीन दिन की यात्रा की थी।

गुजरात में राहुल गांधी के निशाने पर भाजपा नीत एनडीए सरकार के नोटबंदी और जीएसटी से जुड़े फैसले रहे। राहुल का आरोप था कि मोदी ने ‘एकतरफा और मनमाने’ तरीके से नोटबंदी लागू कर काला धन रखने वालों को अपने पैसे सफेद करने में मदद की। एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, “मोदीजी को यह अहसास हुआ कि नोटबंदी से आम लोग और छोटे व्यापारी पूरी तरह बर्बाद नहीं हुए हैं। इसलिए उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लाने का फैसला किया।”

भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ

आजकल दिल्ली में है जेरे-बहस ये मुद्दआ

राहुल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी की ओर इशारा करते हुए कहा, “इस तरह के परिदृश्य में जब पूरा देश दो सदमों से जूझ रहा है, एक नई कंपनी का जन्म होता है। एक समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद इस कंपनी का कारोबार 16,000 गुना बढ़ जाता है।” उन्होंने आश्चर्य जताया कि कैसे एक 50,000 की कंपनी का कारोबार कुछ ही महीनों में 80 करोड़ हो जाता है और इस तरह के चमत्कारिक लाभ के बाद अचानक यह कंपनी बंद हो जाती है।

गुजरात में गांधी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा था, “जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने कहा था, मैं प्रधानमंत्री नहीं चौकीदार हूं। तो अब चौकीदार चुप क्यों है? कहां गया चौकीदार?” कांग्रेस नेता ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी यहां के मुख्यमंत्री थे और उसके बाद भाजपा सरकार ने लोगों की मूलभूत जरूरतों जैसे स्वास्थ्य एवं शिक्षा की कीमत पर राज्य का ‘बहुमूल्य धन एवं संसाधन’ उद्योगपतियों पर खर्च कर दिया। उन्होंने कहा, “यही गुजरात मॉडल है। यही अच्छे दिन है, लेकिन सिर्फ मोदीजी और शाहजी के लिए, बाकी देश के लिए नहीं।”

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