ताजमहल को पर्यटन सूची से हटाने पर राहुल गांधी का योगी आदित्यनाथ पर निशाना- अंधेर नगरी, चौपट राजा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन सूची से ताजमहल को हटाए जाने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने उन्हें ‘अंधेर नगरी का चौपट राजा’ बताया है। ‘दुनिया के सात अजूबों’ में से एक ताजमहल को यूपी सरकार की पर्यटन लिस्ट से हटाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए मंगलवार को एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘सूरज को दीपक न दिखाने से उसकी चमक नहीं घटती! ऐसे ही राज के लिए भारतेंदु ने लिखा था, ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा’!’ यह ट्वीट उन्होंने ताजमहल को लिस्ट से हटाए जाने की खबर के लिंक के साथ किया है।
बता दें, यूपी की नई ‘टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ लिस्ट में ताजमहल को शामिल नहीं किया गया। यूपी सरकार द्वारा जो नई बुकलेट जारी की गई है उसमें टूरिस्टों के लिए ताजमहल का नाम शामिल नहीं किया गया। इस बार लिस्ट में गोरखधाम मंदिर को जगह दी गई है। गोरखपुर के देवी पटन शक्ति पीठ को भी स्थान दिया गया है। दो पेज सिर्फ गोरखधाम मंदिर को दिए गए हैं। इसमें गोरखधाम मंदिर का फोटो, उसका इतिहास और उसका महत्तव लिखा है। बुकलेट का पहला पेज वाराणसी की गंगा आरती को समर्पित किया गया है। गंगा आरती के भव्य दृश्य के साथ दूसरे पेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की तस्वीर है। बता दें, आदित्यनाथ ने बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए भी कहा था, ‘ताजमहल भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है।’
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी यूपी सरकार के इस कदम का विरोध किया है। सीपीएम की वृंदा करात ने कहा, ‘मैं मानती हूं कि पूरे विश्व के लोगों के लिए देखने के लिए ताजमहल एक प्रमुख जगह है। इससे यूपी की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। यह भारत का हिस्सा है। इसलिए लोग उन पर केवल हंसगें। उन्होंने इतिहास और ताजमहल की सुंदरता को नजरअंदाज किया है।’
समाजवादी पार्टी ने कहा कि योगी सरकार यूपी को सांप्रदायिक पहचान देना चाहती है। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘पूरे विश्व में भारत ताजमहल की वजह से जाना जाता है। लेकिन यूपी में भाजपा सरकार राज्य को एक नई पहचान देना चाहती है। उत्तर प्रदेश सरकार अब राज्य को एक ऐसी पहचान देने का फैसला किया है जो सांप्रदायिक ताकतों के लिए उपयुक्त है।’